गर्मियों के मौसम में कई प्रकार की फल सब्जियां आती है, जिनका सेवन करना सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। भिंडी भी एक पौष्टिक सब्जी है, जिसे लेडीज फिंगर के नाम से भी जाना जाता है। गर्मियों के मौसम में भिंडी को बहुत ही पसंद किया जाता है। यह भारत, पाकिस्तान और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में खाई जाती है। भिंडी में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। वहीं, कुछ लोग भिंडी का पानी पीते हैं। क्योंकि भिंडी की सब्जी की तरह ही इसका पानी भी बहुत लाभकारी होता है। भिंडी का पानी ब्लड शुगर कंट्रोल करता है, पाचन सुधारता है और स्किन व बालों के लिए भी फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ लोगों को भिंडी के पानी से दूरी बना लेनी चाहिए। डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन ने बताया कि भिंडी का पानी कब नहीं पीना चाहिए।
न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन के मुताबिक, भिंडी में पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, फाइबर और विटामिन्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी पाए जाते हैं, जो सेहत को कई फायदे पहुंचाते हैं, लेकिन इसे एक सीमित और सही तरीके से पीने पर ही फायदा मिलता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हर चीज की तरह इसका भी एक सीमित और सही तरीका होता है। कुछ खास स्थितियों में भिंडी का पानी न केवल फायदे की बजाय नुकसान दे सकता है, बल्कि शरीर को गंभीर परेशानी में भी डाल सकता है।
भिंडी में ऑक्सलेट नामक तत्व पाया जाता है, जो किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी बनाने में भूमिका निभा सकता है। जिन लोगों को पहले से ही पथरी की शिकायत है, तो उन्हें भिंडी का पानी नहीं पीना चाहिए। इससे उसकी समस्या और बढ़ सकती है।
भिंडी में मौजूद घुलनशील फाइबर पाचन तंत्र के लिए बेहतर होता, लेकिन इसका ज्यादा सेवन करने से गैस, अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्या हो सकती है। अगर, किसी को पहले से ही पेट फूलने या एसिडिटी की समस्या है, तो उन्हें भिंडी का पानी पीने से परहेज करना चाहिए।
भिंडी का पानी ब्लड शुगर लेवल को कम करता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है, लेकिन जिन लोगों का पहले से ही शुगर लेवल कम है, उन्हें भिंडी का पानी नहीं पीना चाहिए। इससे चक्कर आना, कमजोरी या बेहोशी जैसी स्थिति आ सकती है।
भिंडी में फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो प्रेग्नेंसी में लाभकारी हैं, लेकिन भिंडी के पानी के असर पर कोई स्पष्ट रिसर्च नहीं है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बिना विशेषज्ञ सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए खीरे के बीज का सेवन भी किया जा सकता है। खीरे के बीज ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।