Ahmedabad Plane Crash News: अहमदाबाद एअरपोर्ट के पास मेघाणी नगर के इलाके में बृहस्पतिवार दोपहर एअर इंडिया विमान हादसे में गुजरात पूर्व सीएम विजय रुपाणी का निधन हो गया। इस प्लेन में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी भी सीट नंबर 12 पर सवार थे। वे अपने परिवार से मिलने लंदन जा रहे थे। केंद्रिय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने खबर की पुष्टि की है। इस खबर से हर तरफ शोक की लहर है। Ahmedabad Plane Crash LIVE Updates
आपको बता दें कि लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ड़ान में 230 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे।
विजय रुपाणी का जन्म म्यांमार के रंगून (फिलहाल यंगून) में साल 1956 में हुआ था। उनके पिता का नाम रमणीक लाल है। रुपाणी राजकोट में बड़े हुए है, उन्होंने स्कूली दिनों में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जॉइन कर लिया था। उन्होंने बीए और बाद में एलएलबी की डिग्री हासिल की। राज्य के टूरिजम कॉर्पोरशन का चेयरमैन रहने के दौरान उन्होंने ‘खु़शबू गुजरात की’ अभियान को मशहूर बनाया। गुजरात को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का बहुत कुछ श्रेय रुपाणी को ही जाता है।
वह एक समर्पित आरएसएस कार्यकर्ता रहे हैं। वह लो प्रोफाइल रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। अगस्त 2016 में आनंदीबेन के जाने के बाद वह सीएम बने थे। वह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नजदीकी माने जाते हैं। जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रुपाणी को शीर्ष पद देकर बीजेपी आलाकमान ने अल्पसंख्यकों में भी संदेश देने की कोशिश की है। रुपाणी का सौराष्ट्र के इलाके में प्रभाव माना जाता है। राजनीतिक तौर पर यह इलाका बेहद संवेदनशील माना जाता है। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से इसी इलाके में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा था।
रुपाणी साल 2006 से 2012 के बीच राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। वह जल संसाधन, खाद्य जैसे विभिन्न संसदीय कमेटियों के हिस्सा रहे हैं। वह 2013 में गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड के चेयरमैन बने थे। अक्टूबर 2014 में वह राजकोट पश्चिमी सीट पर हुए उप-चुनाव में बड़े अंतर से जीते थे। तत्कालीन विधायक वजूभाई रुपाला के गवर्नर बनने से सीट खाली हो गई थी।
फरवरी 2016 में रुपाणी राज्य बीजेपी अध्यक्ष बने। रुपाणी आनंदीबेन सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजनीति में उनकी एंट्री कॉलेज के दिनों में हुई। यहां वह एबीवीपी में शामिल हुए और 70 के दशक में नवनिर्माण आंदोलन का हिस्सा बने। वह जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर हुए छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने वालों में सबसे आगे रहे। रुपाणी इमर्जेंसी के दौरान भुज और भुवनेश्वर की जेलों में भी रहे। वह 1987 में पहली बार राजकोट नगर निगम में पार्षद बने। बाद में शहर की बीजेपी ईकाई के अध्यक्ष बने। अहमदाबाद विमान हादसे से जुड़ी 7 महत्वपूर्ण बातें, जिन्हें जानना बेहद जरूरी