राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक लोजपा (रा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का मसला सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं के साथ खूब गूंज रहा है। अब बात यहां तक होने लगी है कि भाजपा के दबाव में चिराग के बिहार से चुनाव लड़ने का मामला ठंडा पड़ गया है। हालांकि इस बारे में पार्टी की बिहार प्रदेश इकाई ने प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय संसदीय समिति को भेज दिया था, लेकिन वहां भी कोई फैसला नहीं हो सका।
गौरतलब है कि तकरीबन दो माह पहले लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान ने संकेत दिया था कि उनका मन दिल्ली में नहीं लग रहा है। बिहार उन्हें बुला रहा है। तबसे इस बात ने जोर पकड़ लिया कि वे शायद बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के अलावा निजी तौर पर भी सक्रिय भागीदारी चाहते हैं। उन्होंने कहा भी था कि उनका नारा ‘बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट’ है। इसलिए उनकी रूचि बिहार को लेकर ही है। इसी क्रम में जब चिराग के बिहार से चुनाव लड़ने का शोर जोर पकड़ने लगा तो उन्होंने कहा कि पार्टी जैसा फैसला करेगी, वे उसका पालन करेंगे।
इस प्रकार यह स्पष्ट हो गया कि चिराग बिहार से चुनाव लड़ने का पूरी तरह मन बना चुके हैं। चूंकि पार्टी को फैसला लेना था, इसलिए बिहार प्रदेश इकाई ने उनके बिहार से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय संसदीय समिति को भेज दिया। लोजपा (रा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने जनसत्ता से कहा कि पार्टी प्रमुख चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत के बाद कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और समर्थकों में जबर्दस्त उत्साह का संचार हुआ। सभी लोग चाहते हैं कि पार्टी प्रमुख बिहार से चुनाव लड़ें। फलत: प्रदेश कार्यकारिणी ने प्रस्ताव संसदीय समिति को भेज दिया है।
जब बिहार में ‘किंग मेकर’ बन सकती थी LJP, ‘रामविलास पासवान’ के इस दांव से चित हो गए थे ‘लालू यादव’
लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के बिहार चुनाव लड़ने के मामले में प्रदेश इकाई के प्रस्ताव पर केंद्रीय संसदीय समिति में मंथन चल ही रहा था कि खबर आने लगी कि भाजपा के दबाव में यह मामला ठंडा पड़ गया है। दरअसल, चिराग के बिहार में चुनाव लड़ने की चर्चाओं के साथ यह भी गूंज रहा था कि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और भाजपा उन्हें (चिराग को) नीतीश के खिलाफ जानबूझकर मैदान में उतारना चाहती है। इससे राजग के घटक दलों में भ्रम की स्थिति बन रही थी। कहा जा रहा है कि इसी भ्रम को दूर करने के लिए भाजपा ने चिराग को कथित तौर पर यह समझाया है कि वे इस मसले पर थोड़ा नरमी दिखाएं। इसे भाजपा का दबाव भी कहा जा रहा है।
इस संदर्भ में बिहार लोजपा (रा) के अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि राज्य इकाई के अलावा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों व समर्थकों की भावनाओं से उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग चाहते हैं कि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ें और राज्य सरकार का नेतृत्व संभालें। भाजपा के दबाव में चिराग के बिहार से चुनाव लड़ने का मामला ठंडा पड़ गया है, के जवाब में तिवारी ने स्पष्ट कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि राज्य के कोने-कोने से उनके पास जो संदेश आ रहे हैं उससे यहां चिराग पासवान की लोकप्रियता का अंदाजा लग रहा है। लोग चाहते हैं कि लोजपा (रा) प्रमुख विधानसभा चुनाव लड़ें और सरकार की कमान संभालें।
बहरहाल, राजग की मुख्य घटक भाजपा के दबाव में लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के बिहार चुनाव लड़ने का मसला फिलहाल अटकता हुआ दिख रहा है। हालांकि इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ता शिद्दत से राज्य की सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं। बूथ स्तर तक मजबूत पकड़ बनाने के लिए लगातार बैठकें चल रही हैं और पार्टी की नीति-रीति को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। सीट बंटवारे के बाबत उन्होंने कहा कि राजग के सभी दल एकजुट हैं और सीटों का बंटवारा कोई समस्या नहीं है। इसे सरलता से सुलझा लिया जाएगा।