सदियों से दांतों को साफ करने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर दातुन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। दातुन का इस्तेमाल नीम, बबूल या खेजड़ी जैसे औषधीय पेड़ों की टहनियों से किया जाता है।  दातुन को नेचुरल टूथब्रश कहा जाता है क्योंकि यह पूरी तरह प्राकृतिक, कैमिकल फ्री और औषधीय गुणों से भरपूर होती है। दातुन की टहनी का इस्तेमाल ब्रश के रूप में  करने के लिए उसे दांतों से चबाया जाता है और वो मुलायम रेशों में बदल जाता है। ये रेशे ब्रिसल्स की तरह काम करते हैं। जब दांतों पर दातुन की जाती है तो ये प्लाक और गंदगी हटाने का काम करती है। दातुन में कोई भी केमिकल या फ्लेवर नहीं होता जो दांतों को नुकसान पहुंचाएं। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है।दांतुन में नीम की दातुन सबसे ज्यादा फायदेमंद है। नीम की दातून एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है जो मसूड़ों की सूजन कंट्रोल करती है। इसका इस्तेमाल रोज करने से मुंह के छाले, दुर्गंध और कैविटी जैसी दांतों से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।

प्रोस्थोडोंटिक्स और इंप्लांटोलॉजी डॉ. डी. सेंथिल नाथन ने बताया दांतों पर नीम की दातुन करना न सिर्फ दांतों की सेहत के लिए उपयोगी है बल्कि ये ओवर ऑल ओरल हेल्थ को दुरुस्त करने में भी उपयोगी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि नीम की दातुन करने से दांतों को कौन-कौन से फायदे होते हैं।

नीम की दातुन से दांतों को साफ करने से मुंह के बैक्टीरिया दूर होते हैं और दांत साफ होते हैं। नीम की नरम छाल चबाने से इससे निकलने वाला एंटीबैक्टीरियल रस मुंह में फैलता है और हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है।

नीम जैसे बैक्टीरिया को रोकता है वैसे ही यह दांत के नीचे की नसों के दर्द को भी कंट्रोल करता है। आयुर्वेद में इसे दांत के दर्द की नेचुरल दवा माना जाता है। अगर किसी को दांत में दर्द होता है तो नीम की दातून लेकर उस कोने को उस दांत से चबाएं इससे दर्द में राहत मिलती है।

कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि मसूड़ों के दर्द को दूर करने में दातुन बेहतरीन दवा है। दातुन को चबाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और मसूड़ों के टिशू हेल्दी रहते हैं, जिससे प्लाक जमने और मसूड़ों में संक्रमण की संभावना काफी कम हो जाती है।

नीम की दातुन चबाने से निकलने वाले सक्रिय तत्वों में दांतों की सफेदी बढ़ाने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। नीम की दातुन से ब्रश करने पर दांतों के दाग और पीलापन दूर होता है।

पुदीना, तुलसी जैसे हर्ब्स की तरह नीम की ताज़ा छाल को चबाने से भी मुंह की बदबू दूर होती है। भले ही नीम का स्वाद अच्छा न लगे, लेकिन इसकी कोमल छाल को चबाने से मुंह की दुर्गंध से राहत मिलती है।

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