केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) को पूरी तरह डिजिटल बनाने के लिए सरकार की तरफ से कई जरूरी कदम उठाएं गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक नया HMIS पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इसके जरिए लाभार्थी अब घर बैठे अप्वॉइंटमेंट बुकिंग, ई-कार्ड डाउनलोड और मेडिकल सेवाएं ले सकते हैं। ये सुधार देशभर में लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारों को लाभ पहुंचाएंगे। इन बदलावों से CGHS सेवा पहले से अधिक सरल, सुरक्षित और भरोसेमंद बन गई है, आइए जानते हैं…
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में CGHS के लिए एक नया HMIS (हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल और एक यूजर फ्रेंडली मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। अब लोग मोबाइल से ई-कार्ड डाउनलोड, अप्वॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
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हर लाभार्थी को अब आधार की तरह पैन से जुड़ी यूनिक CGHS आईडी दी जाएगी। इससे सभी रिकॉर्ड एक ही जगह पर रहेंगे और फ्रॉड होने की संभावना भी कम होगी।
अब पुराना भारतकोश पोर्टल बंद कर दिया गया है। CGHS सब्सक्रिप्शन या रिन्यूअल फीस अब सिर्फ नए HMIS पोर्टल पर ही जमा की जा सकती है और पेमेंट तुरंत वेरिफाई हो जाता है।
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पहले ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, CPAP, BiPAP जैसी जीवनरक्षक मशीनों को पाने के लिए कई बार डाक्यूमेंट जमा करने पड़ते थे और मंजूरी पाने के लिए इंतजार करना पड़ता था।अब इन सभी उपकरणों के लिए ऑनलाइन आवेदन और मंजूरी की सुविधा शुरू हो गई है। CGHS कार्डहोल्डर जिन्हें रात में सांस लेने में समस्या होती है, अब घर बैठे भी BiPAP की मंजूरी 20 दिन की बजाय 5 दिन में पा सकते हैं।
आपको अब किसी भी आवेदन, मंजूरी या पेमेंट वेरिफिकेशन की जानकारी ईमेल और मैसेज के जरिए मिलती रहेगी।
– सबसे पहले नए पोर्टल पर लॉगिन करें और इसे PAN से लिंक करें।– मोबाइल ऐप को इंस्टाल करें।– ईमेल अलर्ट चालू करें ताकि अपडेट्स मिलते रहें।