इजरायल और ईरान के बीच मिसाइल हमले हो रहे हैं। इजरायल का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है और यह उसके लिए खतरा है।इजरायल को अमेरिका का भी समर्थन हासिल है। जब इजरायल ने पिछले हफ्ते ईरान पर हवाई हमले किए, तो उसने दावा किया कि ये हमले उसके परमाणु हथियारों की ओर बढ़ने को रोकने के लिए एक जरूरी कदम थे। लेकिन मंगलवार को जारी कई अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए एक CNN रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी खुफिया आकलन एक अलग तस्वीर पेश करते हैं। उसके अनुसार ईरान को अभी भी एक प्रयोग करने लायक परमाणु बम बनाने और डिस्ट्रीब्यूट करने में तीन साल लग सकते हैं।
इजरायल के हमलों में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं और नतांज एनरिकमेंट प्लांट को बड़ा नुकसान हुआ है। यह ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु स्थलों में गिना जाता है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा समीक्षा की गई एक सेटेलाइट तस्वीर ने पुष्टि की कि 13-14 जून के हमलों के दौरान फोर्डो पर गंभीर प्रभाव नहीं पड़ा था।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने CNN को बताया कि इजरायल के अभियान ने अपनी तीव्रता के बावजूद, संभवतः ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया है। अधिकारी ने कहा कि जबकि नतांज के सेंट्रीफ्यूज को नुकसान पहुंचा है, लेकिन यूरेनियम को Enrich करने के लिए आवश्यक प्रमुख बुनियादी ढांचा काफी हद तक बरकरार है।
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ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं की सीमा पर अमेरिका और इजरायल की खुफिया एजेंसियों के बीच लंबे समय से मतभेद रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मार्च में कहा था कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु बम नहीं बना रहा है और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने 2003 में सस्पेंड किए गए हथियार कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं किया है। हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ही खुफिया प्रमुख के बयान का खंडन करते हुए पत्रकारों से कहा, “मुझे परवाह नहीं है कि उन्होंने क्या कहा। मुझे लगता है कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के बहुत करीब थे।”
सीएनएन ने एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा कि ईरान परमाणु हथियार बनाने से पहले जितना संभव हो सके उतना करीब है। यह दर्शाता है कि उसके पास सभी आवश्यक चीज उपलब्ध हैं, लेकिन पॉलिटिकली ग्रीन फ्लैग नहीं है।
मध्य पूर्व में अमेरिकी अभियानों के लिए जिम्मेदार यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने कथित तौर पर अधिक आक्रामक मूल्यांकन का समर्थन किया। उसे डर है कि अगर ईरान ने हथियार बनाने की दिशा में तेजी से फैसला किया तो वह जल्दी ही एक उपयोगी हथियार बना सकता है। CENTCOM प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने क्षेत्र में अतिरिक्त संसाधनों और अमेरिकी सैन्य एसेट्स की फिर तैनाती का अनुरोध किया है। USS NIMITZ CARRIER GROUP अब बिना किसी देरी के मध्य पूर्व की ओर बढ़ रहा है। वहीं दो नौसेना जहाजों ने पहले ही इजरायल की रक्षा में मिसाइलों को रोक दिया है।
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इजरायल नतान्ज़ जैसी सुविधाओं को निष्क्रिय कर सकता है। लेकिन उसके पास डायरेक्ट अमेरिकी सैन्य भागीदारी के बिना फ़ोर्डो पर हमला करने की क्षमता नहीं है। हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने कतर और ओमान से कहा कि जब तक इज़रायली हमले जारी हैं, तब तक कोई कूटनीति संभव नहीं है।