‘ना उम्र की सीमा हो’, ‘सोन परी’ जैसे कई टीवी शो और शाहरुख खान की ‘कोयला’, अनिल कपूर की ‘रिश्ते’ समेत कई फिल्मों में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस दीपशिखा नागपाल इन दिनों अपने एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। इस इंटरव्यू में उन्होंने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कई चीजें लोगों के साथ शेयर की हैं। साथ ही एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि फिल्मों में नेगेटिव भूमिका निभाने पर उनको काफी जज किया गया, जिसने उन्हें काफी इफ़ेक्ट किया। सिर्फ इतना ही नहीं दीपशिखा नागपाल ने बताया कि ‘कोयला’ देखने के बाद उनकी बेटी सीडी तोड़ने लग गई थी। चलिए जानते हैं एक्ट्रेस ने क्या-क्या कहा।
स्क्रीन के डियर मी… सीजन 2 को दिए एक इंटरव्यू में दीपशिखा ने नेगेटिव रोल निभाने को लेकर कहा, “बादशाह के बाद मुझे सिर्फ नेगेटिव रोल ही ऑफर हुए। मैं उन्हें करना नहीं चाहती थी, क्योंकि लोग मुझे जज करने लगे थे। उस समय नेगेटिव रोल का सम्मान नहीं किया जाता था। ‘ये तो साइड एक्ट्रेस है, बुरे काम करती है’। जब आप इस समाज में रह रहे हैं तो आप ये सुनना नहीं चाहेंगे।”
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एक्ट्रेस ने आगे कहा, “टीवी पर मैंने टाइपकास्ट की वजह से नकारात्मक भूमिकाएं निभाईं। कोयला नेगेटिव थी- भले ही बिंदिया नेगेटिव नहीं थी। वह शाहरुख से प्यार करती थी, लेकिन क्योंकि उसने अमरीश पुरी के साथ काम किया, इसलिए वह नेगेटिव थी। फिर बादशाह में सिर्फ इसलिए कि मैं खलनायक के साथ थी, मैं नेगेटिव थी। ऐसे में टीवी ने भी तब मुझे ऐसी भूमिकाएं देना शुरू कर दिया। नकारात्मक भूमिकाएं निभाना शानदार है, आपको पूरी आजादी है, लेकिन मुझे इससे नफरत थी क्योंकि लोग मुझे जज कर रहे थे।”
दीपशिखा ने आगे कहा, “मेरे माता-पिता का निधन हो गया था, इसलिए मेरा मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था। मेरे रिश्तेदार मुझे लगातार जज करते रहते थे। लॉकडाउन के दौरान, मैंने अपने करियर पर विचार किया। मैंने इतनी बड़ी फिल्में की, लेकिन जब मैं शूटिंग से घर आई, तो किसी ने मेरे काम की सराहना नहीं की। इसके बजाय मुझसे कहा गया कि तुमने क्या किया है? तुमने तो इस फिल्म में कपड़े उतारे… तुम तो ऐसे हो, तुम्हारे बच्चे तुमको सम्मान नहीं देंगे। मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई। मैंने खुद से सवाल करना शुरू कर दिया कि मैंने ‘कोयला’ या ‘बादशाह’ क्यों की।”
एक्ट्रेस ने आगे कहा, “मेरी बेटी ‘कोयला’ की सीडी तोड़ती थी। यह सब मुझे चुप कर देता था। इसका मुझ पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ता था। मैं खुद को असफल महसूस करती थी। एक स्टार के रूप में, अपनी शादी में, हर जगह मैं अंदर से टूट चुकी थी। मैंने आखिरकार यह सीख लिया कि आपके दुख की कोई जगह नहीं है, इसलिए मैंने कभी भी उस बोझ को काम पर नहीं रखा। अभिनय मेरे लिए पलायन बन गया। उसने मुझे ठीक होने में मदद की।”
एक पल को याद करते हुए दीपशिखा ने बताया, “मेरे पिता बहुत सख्त थे, इसलिए मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था, मैं एक अच्छी लड़की थी, लेकिन किसी पत्रिका में कोई गलत तस्वीर, कोई सनसनीखेज हेडलाइन या यहां तक कि अगर कोई मुझे घर छोड़ने आता, तो लोग मुझे जज करते और मैं बस रोती। अगर मैं किसी मीटिंग के लिए जाती और अगर दरवाजा बंद होता, तो भी मैं बहुत चिंतित हो जाती, मैं सोचती कि बाहर लोग क्या सोच रहे होंगे। जब मैं बाहर आती, तो लोग मुझे अजीब तरह से घूरते, सोचते कि मैंने अंदर क्या किया है। इससे मेरा दम घुट जाता।”
“एक दिन मैं मनाली में बरसात की रात की शूटिंग कर रही थी और मुझे पता चला कि एक बड़ा अभिनेता मेरे बारे में बकवास कर रहा था। उसने कहा कि हम डिनर के लिए मिले थे और मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं उसके पास गई और उस पर चिल्लाई, और वह बहुत डर गया। उस दिन दीपशिखा बदल गई, उस दिन से मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया। भगवान का शुक्र है कि ऐसा हुआ, क्योंकि अगर आप दबे रहेंगे, तो लोग आपको नीचे धकेलते रहेंगे।”
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