Punjab vs Himachal Pradesh: देश के अहम सीमावर्ती राज्य पंजाब दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘पंज’ यानी पांच, ‘आब’ यानी पानी… और यह पांच नदियों का क्षेत्र है, जिसके चलते इसका नाम पंजाब पड़ा था। पंजाब क्षेत्र सप्त सिंधु सात नदियों की भूमि से जुड़ा हुआ है। देश के विभाजन के समय पश्चिमी पंजाब पाकिस्तान के हिस्से गया था। भारतीय पंजाब के लिए एक नई राजधानी चंडीगढ़ में बनाई गई थी। 1960 में चंडीगढ़ के राजधानी तय होने तक शिमला पंजाब की अस्थाई राजधानी थी। पंजाब का पुनर्गठन विधेयक लोकसभा में पारित हुआ था और एक अलग राज्य हरियाणा बना था लेकिन आज बात हरियाणा की नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश की है।

1956 में पंजाब से अलग करके हिमाचल प्रदेश को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। पंजाब और हिमाचल के बीच सांस्कृतिक और भाषाई टकराव की वजह से एक अलग राज्य की मांग कर रहे थे, जिसके चलते ही हिमाचल को पंजाब से अलग किया था। इसके बाद 1970 को हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पास किया गया था और 25 जनवरी 1971 अस्तित्व में आया था। अब सवाल ये उठता है कि आज लगभग 7 दशक बाद दोनों राज्य कहां खड़े हैं, चलिए इसे बिंदुवार समझते हैं।

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पहाड़ी और मैदानी इलाके के सिख समाज के बीच सांस्कृतिक और भाषाई टकराव के चलते लंबा संघर्ष देखने को मिला था। अंततः केंद्र में तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार के समय हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला, तब हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18 वां राज्य बना था. 1972 में जिलों का पुनगर्ठन हुआ था। कांगड़ा जिले को विभाजित कर हमीरपुर और ऊना जिले बनाए गए थे। शिमला और महासू का पुनर्गठन कर शिमला और सोलन जिले बनाए गए। हिमाचल में जिलों की संख्या 12 हो गई थी।

सबसे पहले बात पंजाब और हिमाचल के क्षेत्रफल यानी साइज की करें तो हिमाचल का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर है। रिकॉर्ड के अनुसार, कुल वन क्षेत्र 37,033 वर्ग किलोमीटर है। इसके अलावा पंजाब की बात करें तो राज्य का क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है, ये भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.53% है, यह 28 भारतीय राज्यों में से क्षेत्रफल के हिसाब से 19वां सबसे बड़ा भारतीय राज्य है। हालांकि पहाड़ी राज्य हिमाचल क्षेत्रफल के मामले में पंजाब से काफी बड़ा है।

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आर्थिक आधार पर किसी भी राज्य के विकास का मूल्यांकन किया जा सकता है, जिसमें सबसे अहम बिंदु प्रति व्यक्ति आय है, जो ये बताती है, कि वहां रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति कैसी है। हिमाचल की बात करें तो 2025 के हिमाचल इकॉनमिक सर्वे को लेकर विधानसभा में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया था कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय 2,57,212 रुपये है। वहीं बात अगर पंजाब की अर्थव्यवस्था में प्रति व्यक्ति आय की करें तो ये करीब 2,27,950 रुपये है।

जनसंख्या की बात करें तो पंजाब की कुल जनसंख्या 2,77,43,336 है। राज्य की लगभग 57 प्रतिशत जनता सिख है। इसके अलावा 38 प्रतिशत हिंदू, करीब दो प्रतिशत मुस्लिम और 0.16 प्रतिशत बौद्ध लोग रहते हैं। हिमाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या लगभग 68 लाख है, जिसमें मुसलमानों की संख्या लगभग 1.72% यानी लगभग 1.2 लाख है। यहां 95 प्रतिशत तक हिंदू है।

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हिमाचल की प्रमुख नदियों की बात करें तो वे चिनाब, सतलुज, यमुना, रावी, व्यास, बस्पा और पार्वती आदि हैं। वहीं पंजाब पर नजर डालें तो हिमाचल की प्रमुख नदियां सतलुज, रावी और व्यास पंजाब की ओर जाती है, जबकि पाकिस्तान की तरफ चिनाब और झेलम बहती हैं। इन नदियों के पानी के इस्तेमाल को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच ही नहीं, बल्कि हिमाचल, हरियाणा और पंजाब के बीच भयंकर टकराव है, जो कि अभी तक सुलझ नहीं पाया है।

पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो राज्य के पहले सीएम भार्गव थे, जो कि 1947 से 1949, 1949 से 1951 और 1964 में कुछ दिन के लिए सीएम रहे थे। राज्य के पुनर्गठन के बाद पंजाब में कोई भी हिंदू सीएम नहीं रहा है। पंजाब के सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक सीएम रहने वाले नेता प्रकाश सिंह बादल रहे। वे पहले 1997 से 2002 तक, फिर 2007 से 2017 तक, सीएम रहे थे। वर्तमान में यहां के सीएम भगवंत मान हैं।

इसके अलावा बात हिमाचल की करें तो यहां पूर्ण राज्य बनने के बाद पहले सीएम ठाकुर राम लाल थे, जो कि 1977 में बने थे लेकिन 20 दिन के बाद ही राष्ट्रपति शासन लग गया था। यहां सबसे ज्यादा समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड वीरभद्र सिंह के नाम पर है, जो कि पहली बार 1985 से 1990 तक सीएम रहे, फिर 1993 से 1998 तक सीएम रहे थे। इसके बाद उनकी जगह प्रेम कुमार धूमल ने ली, और वे 1998 से 2003 तक सीएम रहे। वीरभद्र सिंह फिर सत्ता में लौटे और 2003 से 2007 तक सीएम रहे। इसके अलावा वे एक बार फिर 2012 से 2017 तक चीफ मिनिस्टर रहे थे।

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