हेल्दी और फिट शरीर के लिए खानपान और लाइफस्टाइल की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। शरीर को विटामिन, मिनरल और पोषक तत्वों की आवश्यकता है। शरीर में इनका संतुलन बिगड़ जाता है, तो कई स्वास्थ्य समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण जरूरी विटामिन्स की कमी हो सकती है। माइग्रेन की समस्या भी एक विटामिन की कमी की वजह से हो सकती है? माइग्रेन एक तेज सिरदर्द होता है, जो घंटों या कई दिनों तक बना रह सकता है। यह तेज रोशनी, तेज आवाज, तनाव, नींद की कमी या गलत खानपान, विटामिन की कमी के कारण ट्रिगर हो सकता है। मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और निदेशक डॉ. सोनिया लाल गुप्ता ने बताया कि किस विटामिन की कमी के चलते माइग्रेन की समस्या होती है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
डॉ. सोनिया लाल गुप्ता के मुताबिक, माइग्रेन से जूझ रहे हैं, तो यह सिर्फ एक न्यूरोलॉजिकल समस्या नहीं, बल्कि शरीर में पोषण की कमी का संकेत भी हो सकता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कुछ जरूरी विटामिन्स की कमी माइग्रेन की संभावना को बढ़ा सकती है। ऐसे में इनकी पूर्ति करके माइग्रेन के एपिसोड को कम किया जा सकता है।
विटामिन D की कमी से न्यूरोइन्फ्लेमेशन और दर्द का रिस्पॉन्स बढ़ सकता है, जिससे माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। यह विटामिन तंत्रिका स्वास्थ्य और सूजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो माइग्रेन की आवृत्ति पर इसके प्रभाव से संबंधित हो सकता है। इसके अलावा विटामिन डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हड्डियों, मांसपेशियों और प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है, जो हड्डियों के विकास और शक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए रोज 15-20 मिनट धूप लें, खाने में अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध और मशरूम आदि फायदेमंद हो सकता है।
विटामिन बी2 जिसे राइबोफ्लेविन भी कहा जाता है, एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह एनर्जी उत्पादन, कोशिकाओं के स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र के कामकाज में मदद करता है। यह दिमाग की कोशिकाओं को बेहतर तरीके से काम करने में सहयोग करता है। इसकी कमी मस्तिष्क की एनर्जी आपूर्ति को प्रभावित करती है, जिससे माइग्रेन हो सकता है। इसे पूरा करने के लिए दूध, अंडे, पालक, बादाम और मशरूम खाई जा सकती है।
माइग्रेन से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, तनाव कम करना और कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों से परहेज करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और उचित आहार माइग्रेन की समस्या को कम करने के लिए असरदार है।
इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए खीरे के बीज का सेवन भी किया जा सकता है। खीरे के बीज ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।