Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश को दुनिया के एविएशन इतिहास की सबस बुरी दुर्घटना कहा जा रहा है। अब शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि किस वजह से 242 यात्रियों वाला यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। जांचकर्ताओं का हवाला देते हुए The Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एयरक्राफ्ट का इमरजेंसी पावर सिस्टम जिसे Ram Air Turbine (RAT) के नाम से जाना जाता है, वह क्रैश से कुछ देर पहले एक्टिवेट था। इससे ये सवाल खड़े हुए हैं कि क्या टेक-ऑफ के दौरान विमान के दोनों इंजन ठीक तरह से काम कर रहे थे?
एयर इंडिया फ्लाइट AI171 में इमरजेंसी पावर सिस्टम एक्टेवेट था, इस क्रैश ने 242 में से 241 यात्रियों की जान ले ली। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि या तो विमान इंजन पावर खत्म होने या फिर पूरी तरह से इलेक्ट्रिकल फेल्योर की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
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बता दें कि RAT एक छोटी टरबाइन है जो मुश्किल परिस्थितियों में आपातकालीन बिजली उत्पन्न करने के लिए विमान के ढांचे से संक्रिय हो जाती है। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि दोनों इंजनों के फेल ना होने या हाइड्रोलिक दबाव कम होने पर विमान को चालू रखने के लिए इसे पायलट द्वारा ऑटोमैटिक या मैन्युअल रूप से डेप्लॉय किया जा सकता है।
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वॉल स्ट्रीट जर्नल ने यूएस के ऐरोस्पेस सेफ्टी कंसल्टेंट Anthony Brickhouse से पायलट द्वारा RAT डेप्लॉय करने और इंजन फेल होने के कारणों को समझने के लिए बात की। ब्रिकहाउस ने बताया कि पायल्टस RAT को तब एक्टिवेट करते हैं जब उन्हें लगता है कि दोनों इंजन फेल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कई वजहों से हो सकता है जिनमें किसी पक्षी के टकराने या ईंधन की समस्या तक शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा वक्त में इंजन पर्याप्त ‘क्षमतावान’ और ‘भरोसेमंद’ हैं और दोनों इंजन का फेल होना ‘असामान्य’ है।
WSJ ने ब्रिकहाउस के हवाले से कहा, “कमर्शियल एविएशन में, दोनों इंजन का फेल होना बेहद असामान्य है। हमारे इंजन आज पहले से कहीं अधिक कुशल और विश्वसनीय हैं।”
विमान निर्माता बोइंग और इंजन निर्माता GE Aerospace ने अभी तक इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
जांचकर्ताओं ने कहा कि हालांकि क्रैश की जांच में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। WSJ ने बताया कि जांचकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इमरजेंसी सिस्टम किस वजह से एक्टिव हुआ – इंजन की विफलता, हाइड्रोलिक या अन्य तकनीकी समस्याएं।
विमान के विंग्स और कंट्रोल सर्फेस को वैसे ही सेटअप किया गया था जैसे उन्हें टेकऑफ़ के लिए किया जाना चाहिए, जो टाइमलाइन को सपोर्ट करता है कि दुर्घटना डिपार्चर के तुरंत बाद हुई थी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने कहा कि दुर्घटना की जांच जारी रहेगी। विमान-दुर्घटना की जांच आम तौर पर दुर्घटना में योगदान देने वाले कई कारकों के कारण, एक वर्ष या उससे अधिक समय तक चल सकती है, जैसे मेंटनेंस में गलतियां, चालक दल के गलत फैसले या डिज़ाइन की खामियां।
अहमदाबाद-लंदन एयर इंडिया की उड़ान अहमदाबाद हवाई अड्डे के रनवे 23 से बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उड़ान 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंच गई जब वह 475 फीट प्रति मिनट की वर्टिकल स्पीड से नीचे उतरने लगी। लंदन जाने वाले ड्रीमलाइनर ने पूरे 3.5 किलोमीटर के रनवे को उड़ान भरने से पहले ही खत्म कर दिया जो ऐसे विमानों के लिए जरूरी सामान्य रनवे 2.5 से 3 किलोमीटर की तुलना में कहीं ज्यादा है।
पायलट ने “no thrust” यानी नो पावर का हवाला देते हुए Mayday call दिया और कहा कि वह विमान को “उठाने में असमर्थ” थे। हालांकि, इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल से दोबोरा संपर्क नहीं हो सका।
Flightradar24 के आंकड़ों के अनुसार, जिस फ्लाइट को शाम 6:09 बजे लंदन के गैटविक हवाई अड्डे पर उतरने की उम्मीद थी, उसने उड़ान के 50 सेकंड बाद डेटा ट्रांसमिट करना बंद कर दिया।
दुर्घटनाग्रस्त विमान में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी समेत 242 यात्री सवार थे। सीट 11ए पर बैठे एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा कि सब कुछ बहुत जल्दी हुआ। उन्होंने आगे कहा कि उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद इंजन ने बहुत तेज आवाज करना शुरू कर दिया। वह आपातकालीन निकास द्वार से बाहर निकले जो उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद टूट गया।