Google Trends: देशभर में मौसम ने 21 जून को बड़ी करवट ली है। भीषण गर्मी से झुलस रहे उत्तर भारत को आखिरकार राहत मिल गई है। मानसून के सक्रिय होने से जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों और मध्यप्रदेश में कई जगहों पर जोरदार बारिश दर्ज की गई है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और कोकण क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश का दौर बना हुआ है।

एक दिन पहले तक यानी 20 जून तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के कई राज्यों में पारा 44 डिग्री तक पहुंच रहा था। लेकिन अब तापमान में 4 से 6 डिग्री तक की गिरावट आई है, जिससे गर्मी की तपिश काफी हद तक थमी है। यह बदलाव सीधे तौर पर मानसून की वापसी का संकेत दे रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक जो माहौल बना हुआ है, उससे गर्मी कम होगी।

मुंबई में 21 जून को हुई मध्यम स्तर की बारिश ने उमस से राहत दिलाई, लेकिन सामान्य जनजीवन पर असर भी डाला। दो दिन पहले ही IMD ने मुंबई और ठाणे में येलो अलर्ट जारी किया था, जबकि रायगढ़ में ऑरेंज अलर्ट था। बीते हफ्ते 17 जून को वडाला, वर्ली और लोअर परेल जैसे इलाकों में 100 से 160 मिमी बारिश हुई थी, जिससे जलभराव और ट्रैफिक की समस्या खड़ी हो गई। एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 13 वर्षीय एक छात्र की भी मौत हो गई।

इस बार बारिश ने महाराष्ट्र के बांधों में भी जलस्तर बढ़ा दिया है। पिछले साल 21 जून को जहां बांधों का औसत जल स्तर 19.9% था, वहीं इस बार यह 35.6% तक पहुंच गया है। मराठवाड़ा, पुणे, नासिक, कोकण और अमरावती-नागपुर जैसे क्षेत्रों में जल भंडारण में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है।

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हालांकि राहत के साथ कुछ राज्यों में मुसीबत भी है। बिहार, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय और झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है और मौसम विभाग ने राहत एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है।

कुल मिलाकर, मौसम ने करवट ली है – उत्तर भारत को राहत मिली है, तटीय इलाकों में पानी की कमी दूर हुई है, लेकिन कुछ राज्यों में बारिश अब चुनौती बनकर उभर रही है।