Mahakumbh Shahi Snan News: प्रयागराज के महाकुंभ में आज मंगलवार को अमृत स्नान हो रहा है, सुबह से ही आस्था की डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसके ऊपर 13 अखाड़ों के जत्थे महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। बड़ी बात यह है कि आज क्योंकि मकर संक्रांति का भी पर्व है, ऐसे में इस दिन की अहमियत और ज्यादा बढ़ चुकी है।

इस समय अखाड़ा मार्ग पर पुलिस कर्मियों की जबरदस्त तैनाती है, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बल लगातार पैट्रोलिंग कर रहे हैं। इस सुरक्षा की वजह से ही इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं, नागा साधू भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सबसे पहले खिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा सुबह 9.40 बजे शिविर से निकलकर 10.40 बजे घाट पर पहुंचने वाला है। इसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा सुबह 10.20 बजे शिविर से निकलकर 11.20 बजे घाट पर पहुंच जाएगा।

वही खिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा सुबह 11.20 बजे शिविर से निकलेगा और फिर 12.20 के करीब घाट पर पहुंच जाएगा। सबकुछ तय समय अनुसार होने वाला है और उसी हिसाब से इंतजाम भी रखे गए हैं।

शाही स्नान को अमृत स्नान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें नागा साधु और अन्य संत हाथी, घोड़े और रथ पर सवार होकर भव्य तरीके से स्नान करने आते हैं। यह नजारा किसी राजा के जुलूस जैसा होता है। प्राचीन समय में राजा-महाराजा भी साधु-संतों के साथ स्नान करते थे, जिससे इसे शाही स्नान कहा जाने लगा।

महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है। यहां नागा साधु, अघोरी और अन्य संतों की उपस्थिति हिंदू धर्म की विविधता को दर्शाती है। इस दौरान दान-पुण्य, भजन-कीर्तन और मंदिर दर्शन जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं। महाकुंभ न सिर्फ आस्था का पर्व है, बल्कि यह हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने का मौका भी देता है। अमृत स्नान के जरिए लोग अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं और एक नई ऊर्जा के साथ जीवन जीने की प्रेरणा लेते हैं। मान्यता है कि संगम में स्नान करने से जीवन के सभी दुख और पाप खत्म हो जाते हैं। अगर महाकुंभ से जुड़ी और खबरें पढ़नी है तो यहां क्लिक करें