देवेंद्र पांडे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज की हार से बीसीसीआई काफी नाराज है। हाल में हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें टेस्ट क्रिकेट की अहमियत को बढ़ाने को लेकर भी बात हुई। बीसीसीआई चाहता है कि खिलाड़ी हार की जिम्मेदारी लें और इस वजह से वह बड़ा फैसला ले सकती है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बोर्ड ने फैसला किया है कि अब टीम की हार का असर खिलाड़ियों की जेब पर भी होगा। बैठक में सुझाव दिया गया कि खिलाड़ी को अपने प्रदर्शन और हार की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर किसी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं होगा तो उनकी सैलरी में कटौती होगी। बोर्ड के अनुसार खिलाड़ी इससे और जिम्मेदार होंगे। भारतीय टीम को बीते साल न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर पर ही टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद जब टीम ऑस्ट्रेलिया गई तो वहां भी सीरीज 1-3 से हारी। इस सीरीज में टीम के कई स्टार बल्लेबाज रन नहीं बना पाए।

पिछले साल टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए उन्होंने बड़ा फैसला किया था। बीसीसीआई ने साल में टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए इनसेंटिव देने का फैसला किया था। इसके मुताबिक जो खिलाड़ी सीजन के 50 प्रतिशत से ज्यादा मैच खेलते हैं तो उन्हें हर मैच के लिए 30 लाख रुपए का इनसेंटिव दिया जाएगा। ऐसे ही 75 प्रतिशत टेस्ट खेलने वालों को 45 लाख रुपए प्रति मैच रुपए दिए जाएंगे। उनकी कोशिश थी कि पैसों के कारण टी20 लीग की और आकर्षित हो रहे युवा खिलाड़ी टेस्ट की अहमियत भी समझें।

बीसीसीआई ने बैठक में चर्चा की कि खिलाड़ियों का टेस्ट मैच को खेलने के लिए इच्छाशक्ति यानी इंटेंट कम हो रहा है। उन्हें टीम की हार से फर्क नहीं पड़ रहा है। खिलाड़ी टेस्ट की जगह लीग्स को तवज्जो देने लगे हैं। बोर्ड ऐसा नहीं चाहता है। आने वाली पीढ़ी में टेस्ट क्रिकेट की अहमियत बनाए रखने के लिए बोर्ड को बड़े फैसले लेने होंगे।

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