Bhishma Pitamah Updesh: भीष्म पितामह की गिनती महाभारत के सबसे बुद्धिमान और महान योद्धाओं में होती है। वह एक ऐसे नायक हैं, जिनका जीवन त्याग, कर्तव्य और धैर्य का प्रतीक है। उन्होंने न सिर्फ युद्ध की रणनीतियों में महारत हासिल की थी, बल्कि जीवन के कठिन सवालों के भी सहज जवाब दिए थे।

भीष्म पितामह के उपदेश आज भी काफी प्रासंगिक हैं और जीवन के हर उतार-चढ़ाव पर लोगों को प्रेरित करते हैं। उनकी कही गई बातें हर इंसान को जीवन की कठिनाइयों से उबरने का साहस देती हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने जीवन में कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, या फिर कोई और रास्ता नजर नहीं आ रहा हो, तो भीष्म पितामह की कही कुछ बातों को याद कर सकते हैं। ये बातें आपको कठिन समय में साहस देने के साथ-साथ मार्गदर्शन भी करेंगी, जिससे आपको हिम्मत भी मिलेगी।

मनुष्य को अपने धर्म का पालन हर स्थिति में करना चाहिए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।

भीष्म पितामह ने अपने जीवन में धर्म को नहीं छोड़ा। उन्होंने मरते दम तक इसका पालन किया। ऐसे में आपकी परिस्थिति कोई भी हो, आप धर्म के मार्ग को न छोड़ें और आगे बढ़ते रहें।

वाणी पर रखें संयम

किसी भी व्यक्ति को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। किसी के लिए गलत शब्द का उपयोग नहीं करना चाहिए। मधुरता से बात करने पर रिश्ते और भी मजबूत होते हैं।

आत्मसंयम सबसे बड़ा शस्त्र है

कठिन समय में भावनाओं पर नियंत्रण रखना और शांत रहकर निर्णय लेना, भीष्म पितामह की सबसे बड़ी सीखों में से एक है।

समय बलवान है। वह सब कुछ बदल सकता है

समय सबसे बलवान होता है और सबका समय बदलता है। इसको भीष्म पितामह भी यथार्थ मानते थे। अगर आप भी जीवन में निराश रहते हैं, तो भीष्म पितामह की यह बात आपको गांठ बांध लेनी चाहिए। विपरीत समय में धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखें। आप हिम्मत न हारें।

कर्तव्य को रखें सर्वोपरि

भीष्म पितामह ने अपने जीवन में कभी भी अपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ा। किसी भी परिस्थिति में आप अपने काम को करते रहें और आगे बढ़ते रहें।

त्याग की भावना रखें

त्याग की भावना हमेशा जीवन में रखना चाहिए। इसमें स्वार्थ की भावना नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने अपने पिता की खुशी के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया।

ज्ञान सबसे बड़ी संपत्ति है- जिसके पास ज्ञान है, वही सच्चा योद्धा है

पूरे महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अर्जुन और युधिष्ठिर को कई बार जीवन की गहरी बातें समझाईं। उनका मानना था कि ज्ञान और विवेक से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती है। ऐसे में जिसके पास ज्ञान होता है, वही सच्चा योद्धा होता है।

संघर्ष से नहीं घबराएं

भीष्म पितामह का जीवन संघर्षमय रहा। वह कहते हैं कि जीवन में कठिनाइयां आती हैं, लेकिन उनसे लड़ना ही सच्ची वीरता है। कभी भी मैदान छोड़कर नहीं भागना चाहिए।

धैर्य बनाए रखें। जो व्यक्ति धैर्यवान होता है, वह बड़ी से बड़ी बाधा को पार कर सकता है।

भीष्म पितामह कहते हैं कि कठिनाइयां हमें आत्मचिंतन करने का अवसर देती हैं।