IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है और इस सीरीज के बीच टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना ने बीसीसीआई के इस नियम पर नाराजगी जाहिर की। दरअसल भारत को जब 2024-25 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हार मिली उसके बाद बीसीसीआई ने 10 सूत्रीय निर्देश जारी किए जिसके तहत विदेशी दौरे पर परिवार के समय को भी सीमित कर दिया गया।

बीसीसीआई ने परिवार के समय को सीमित करने साथ-साथ टीम इंडिया में स्टार कल्चर को खत्म करने के लिए भी कई साहसिक कदम उठाए। नए नियम के मुताबिक 45 दिनों से अधिक के दौरों पर खिलाड़ियों के परिवार को साथ रहने के लिए सिर्फ 2 हफ्ते का समय दिया गया है। सुरेश रैना ने बीसीसीआई के इस फरमान का विरोध किया और कहा कि वो इसके खिलाफ हैं।

सुरेश रैना ने रणवीर इलाहाबादिया के यूट्यूब चैनल पर कहा कि विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के साथ परिवार का होना बहुत जरूरी है। बीसीसीआई ने बड़ा फैसला किया कि परिवार को पूरे दौरे पर रहने की अनुमति नहीं है और मैं इसके खिलाफ हूं। आप उन्हें दो महीने के लिए दौरे पर भेज रहे हैं और ऐसे में परिवार को साथ रहने की अनुमति मिलनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि परिवार खिलाड़ियों के खिलाफ हैं और वो भी यही चाहेंगे कि हम रन बनाएं और देश जीत जाए।

रैना ने आगे कहा कि आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती हैं, जब आप बुरे दौर से गुजर रहे होते हैं आपको टीम से बाहर होने का डर होता है और हालात खराब होते हैं तो आपको किसी से बात करने की जरूरत होती है। वहीं जब आप खुश होते हैं तो शायद ही आपको किसी की जरूरत होती है, लेकिन जब आप निराश होते हैं तो आपको यह सोचकर बात करने में डर लगता है कि ये बात कोच या कप्तान तक ना पहुंच जाए, इसलिए झिझक के कारण खिलाड़ी खुलकर बात नहीं कर पाते ऐसे समय में परिवार का साथ अच्छा होता है।