Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब पिछले साल पाला बदला तो महागठबंधन के कई विधायक सत्ता पक्ष के खेमे में शामिल हो गए। सत्ता पक्ष में जाने वाले विधायकों में चार आरजेडी के भी शामिल हैं। अब इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए आरजेडी ने कोशिश तेज कर दी है। बुधवार को एक ताजा घटनाक्रम में आरजेडी ने स्पीकर को पत्र लिखकर चारों बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। महागठबंधन के कई विधायक आरजेडी नेता अब्दुल बारीक सिद्दीकी के नेतृत्व में विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से मिले और चारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

आरजेडी के प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद कहा कि देश में सभी सदन में दल-बदल कानून लागू है। बिहार में हाल के दिनों में राष्ट्रीय जनता दल के चार विधायक सत्ताधारी दल के साथ चले गए हैं लेकिन अभी तक उन पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इसी मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी।

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बताया कि स्पीकर ने हमसे कहा कि इसको लेकर विधायकों को एक बार नोटिस दिया गया है, लेकिन अभी तक विधायकों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने आरजेडी नेताओं को भरोसा दिलाया है कि फिर से हम लोग उन्हें नोटिस देंगे। सिद्दीकी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे।

सिद्दीकी ने कहा कि हम लोगों ने आज विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर पाला बदलने वाले चारों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हमने कहा कि अगले सत्र से पहले सभी विधायकों पर कार्रवाई की जाए। अगर कहीं भी न्याय में देरी होती है तो फिर बहुत दिक्कत होती है। इसलिए न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए।

वहीं आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि दल-बदल कानून के तहत उन चार विधायकों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जो खुलेआम सत्ताधारी दल के साथ सदन में बैठते हैं। पार्टी व्हिप का भी उन लोगों ने उल्लंघन किया है, इसके बावजूद अभी तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई है।

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भाई वीरेंद्र ने कहा कि एक साल होने जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष को उन पर कार्रवाई करनी होगी। अगर उन विधायकों पर कार्रवाई नहीं होगी तो अगले सत्र में हम लोग फिर से हंगामा करेंगे और सदन की कार्रवाई को बाधित करने का काम करेंगे, इसीलिए जो दल-बदल कानून बना हुआ है, वह सभी दलों के विधायकों पर लागू होता है।

आरजेडी के जिन चार विधायकों ने पाला बदला है, उनमें मोकामा विधायक नीलम देवी, मोहनिया विधायक संगीता कुमारी, सूर्यगढ़ा विधायक प्रह्लाद यादव और शिवहर विधायक चेतन आनंद शामिल हैं। इसमें से तीन विधायक नीतीश कुमार के विश्वास प्रस्ताव के दौरान सत्ता पक्ष के खेमे में जाकर बैठे थे, जबकि संगीता कुमारी उसी सत्र के दौरान बाद में बीजेपी के साथ चली गईं।

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने 24 दिसंबर को संगीता कुमारी को प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया। वह 2020 के चुनाव में आरजेडी के सिंबल पर पहली बार विधायक बनी थीं। उनको तेजस्वी यादव की करीबी माना जाता था। 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए उम्मीदवारों के लिए खुलकर प्रचार किया था, जबकि अभी तक उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा नहीं दिया है।

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