मध्य प्रदेश प्रशासन ने इंदौर को देश का पहला भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लक्ष्य के चलते शहर में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है। भिखारियों से जुड़ी अनूठी इनामी योजना का लाभ लेने के लिए स्थानीय लोग भिखारियों के बारे में प्रशासन को फोन करके सूचना दे रहे हैं। इस योजना के तहत भिखारियों के बारे में जानकारी देने वालों को 1000 रुपये का इनाम दिया जाएगा।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि प्रशासन ने शहर में भीख लेने के साथ ही भीख देने पर कानूनी रोक लगा दी गयी है और इस प्रतिबंध के उल्लंघन पर कार्रवाई का प्रावधान किया है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन के 2 जनवरी 2025 को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में भिक्षावृत्ति की सही सूचना देने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1000 रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की गई है। उन्होंने बताया कि भिखारियों के बारे में प्रशासन को सूचना देने के लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है।
जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि पिछले चार दिनों में करीब 200 व्यक्तियों ने इस नंबर पर फोन करके प्रशासन को भिखारियों के बारे में सूचना दी है जिनमें से 12 लोगों की सूचना जांच में सही पाई गई है। उन्होंने बताया, ‘‘इन 12 में से 6 लोगों को सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय बुलाकर उन्हें 1000-1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। भिखारियों के बारे में सही सूचना देने वाले दूसरे लोगों को भी यह राशि प्रदान की जाएगी।’’
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अधिकारियों ने बताया कि भिक्षावृत्ति के खिलाफ प्रशासन के जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत FIR दर्ज की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक साल तक की जेल या 5000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजा दी जा सकती हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, पिछले चार महीनों के दौरान शहर में भिक्षावृत्ति में शामिल करीब 400 लोगों को पुनर्वास के लिए एक आश्रय स्थल भेजा गया है जबकि 64 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान पहुंचाया गया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की पायलट परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग
(इनपुट-भाषा)