यूरिन का रेगुलर पास होना एक नेचुरल प्रोसेस है। एक हेल्दी इंसान रोजाना 500 मिली लीटर यूरिन डिस्चार्ज करता है। हम जो कुछ भी खाते पीते हैं उससे पोषक तत्वों को सोखने के बाद जो वेस्ट प्रोडक्ट निकलता है वो यूरिन है। नॉर्मल आदमी को दो से 3 घंटों के बीच में यूरिन डिस्चार्ज होना चाहिए। कुछ लोगों को यूरिन जल्दी-जल्दी पास होता है तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें यूरिन बहुत कम पास होता है। यूरिन के कम डिस्चार्ज होने से बॉडी में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। पानी का कम सेवन करने से कभी-कभी यूरिन कम डिस्चार्ज होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें पेशाब बेहद कम आता है। पेशाब का कम आना कई बीमारियों का संकेत हो सकता है।
पारस होस्पिटल पटना के डायरेक्टर डॉक्टर अजय कुमार ने बताया यूरिन कम आना और यूरिन का ज्यादा आना दोनों ही परेशानी की बात है। पेशाब का संबंध किडनी की बीमारी से जुड़ा है। जिन लोगों को पेशाब ज्यादा आता है या कम आता है उनके लिए यूरिन की ये समस्या काफी गंभीर है। पेशाब कम आने के लिए कुछ बीमारियां जिम्मेदार हो सकती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक गंभीर डिहाइड्रेशन, किडनी की समस्याएं, मूत्र मार्ग की रुकावट, हृदय संबंधी समस्याएं, ब्लड प्रेशर में गिरावट, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज रहने से किडनी खराब हो सकती है, जिससे पेशाब कम आने लगता है। कुछ दवाइयों का सेवन करने से भी यूरिन कम आता है। यूरिन कम आता है तो आप पानी का सेवन ज्यादा करें। नियामित बीपी और शुगर की जांच करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया जिन लोगों को यूरिन कम डिस्चार्ज होता है वो पलाश के फूलों का सेवन करें। जिन लोगों को यूरिन खुलकर डिस्चार्ज नहीं होता, दिन भर में कम यूरिन आता है,या यूरिन रुक-रुक कर आता है ऐसे लोग पलाश के फूल और उनकी पत्तियों का सेवन कर सकते हैं। आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानते हैं कि यूरिन की परेशानी को दूर करने के लिए इन पत्तियों का सेवन कैसे करें और इनके सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
यूरिन से जुड़ी परेशानी का इलाज करने के लिए आप पलाश के फूल और उसकी कोमल पत्तियों को भांप में पकाएं। जब पानी थोड़ा ठंडा हो जाए तो इन्हें किसी कपड़े में डालकर पेडू में बांध लें। इसका इस्तेमाल करने से पेशाब खुलकर आएगा और यूरिन से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी।
प्लाश के फूल का सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है। किडनी को हेल्दी रखने के लिए,यूरिन आउट पुट को ठीक करने के लिए और डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए पलाश के पांच ग्राम फल,छाल,पत्तियां और जड़ को 400 ग्राम पानी में डालकर उबालें। जब पानी सिर्फ 100 ग्राम बच जाए तो इसका सेवन करें। इससे किडनी को फायदा होगा, डायबिटीज कंट्रोल रहेगी।
जिन लोगों का सिरम क्रिएटी और ब्लड यूरिया बढ़ा हुआ होता है उनके लिए ये फायदेमंद होता है। जिन लोगों को कोलाइटिस की बीमारी है वो पलाश की जड़ का काढ़ा बनाकर उसका सेवन करें तो कोलाइटिस के लक्षण कंट्रोल रहेंगे। पलाश के फूलों और पत्तियों का इस्तेमाल आप फोड़े फुंसियों में भी कर सकते हैं। इन पत्तियों को थोड़ा सा गर्म करके पोटरी में बांध लें इससे फुंसियां ठीक हो जाएगी और दर्द दूर हो जाएगा।
सुबह उठते ही हल्दी और नीम की 2 गोली को खा लें, बॉडी में जमा सारे कीटाणु हो जाएंगे खत्म, गट हेल्थ रहेगी दुरुस्त। इन दोनों हर्ब की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आप लिंक में क्लिक करें।