बीजेपी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल हुई है। अब बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा चुनेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार जेंडर, जाति और समुदाय को अनुभव के साथ संतुलित करना बीजेपी के लिए चुनौती होगी। सूत्रों के अनुसार जनवरी में पार्टी के उम्मीदवारों की अंतिम सूची की घोषणा के तुरंत बाद संभावित सीएम पर चर्चा शुरू हो गई थी। ये महीने के अंत में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाओं की शुरुआत के साथ मेल खाती थी।
अब तक चर्चा हो रही है कि दिल्ली से अपने सात लोकसभा सांसदों में से एक को चुनने से लेकर, सबसे अधिक जीत के अंतर वाले अपने नए विधायकों में से एक को चुनने तक की चर्चाएं हैं। महिला नेता के नाम पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा सूत्रों ने कहा, “एक से अधिक उपमुख्यमंत्री का चयन भी एक संभावना थी। भाजपा की एक लोकसभा सांसद भी मुख्यमंत्री बन सकती सकता है। पूर्वी दिल्ली के सांसद हर्ष मल्होत्रा, उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज का नाम भी चर्चा में है।
हालांकि भाजपा के पास विकल्प बहुत अधिक हो सकते हैं। किसी प्रमुख ओबीसी चेहरों को भी बीजेपी सीएम बना सकती है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पश्चिम दिल्ली के पूर्व सांसद परवेश वर्मा जैसे नए विधायक हैं, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल को हराया था और माना जाता है कि उन्हें दिल्ली के पूर्व सीएम से मुकाबला करने के लिए पीएम ने व्यक्तिगत रूप से चुना है।
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पार्टी की राज्य इकाई के दो पूर्व अध्यक्ष (विजेंद्र गुप्ता, जिन्होंने लगातार चौथी बार लगभग 38,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है, और सतीश उपाध्याय, जिनकी जीत का अंतर 2,100 से थोड़ा अधिक है) भी रेस में हैं। एक पार्टी नेता ने कहा, “ये दोनों नेता पार्टी के रैंकों के माध्यम से आगे बढ़े हैं और एमसीडी पार्षद होने के कारण प्रशासन में उनका बहुत अनुभव है। दूसरी ओर रेखा गुप्ता जैसी महिला उम्मीदवार (जिन्होंने शालीमार बाग से लगभग 30,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की) और शिखा राय (जिन्होंने आप के मंत्री सौरभ भारद्वाज को लगभग 3,100 वोटों से हराया) को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।”
बीजेपी दिल्ली में पूर्वांचली नेता के नाम पर भी चर्चा कर सकती है। दिल्ली में 25 फीसदी से अधिक आबादी पूर्वांचली है और अगर भाजपा किसी पूर्वांचली नेता को सीएम बनाती है तो ऐसा दिल्ली में पहली बार होगा।
हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं ने आगाह किया कि ये सभी सिर्फ नाम हैं जो इस समय उछाले जा रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अब कई नाम सामने आएंगे क्योंकि भाजपा ने बहुमत के साथ चुनाव जीता है। लेकिन इनमें से कोई भी नाम मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनेगा। मध्य प्रदेश और हरियाणा की तरह दिल्ली में भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनना एक आश्चर्य की बात होगी।” सूत्रों ने कहा कि पार्टी जाति, समुदाय के आधार पर वोट शेयर सहित कई मापदंडों के संबंध में अपनी पसंद का आकलन करेगी।