प्रीतिश राज। उत्तराखंड के देहरादून में जारी नेशनल गेम्स में डिस्कस थ्रो का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस खिलाड़ी ने अपने 52.58 मीटर थ्रो के साथ यह मेडल जीता। 24 साल की सीमा के लिए यह मेडल उनकी मेहनत और त्याग का फल है। एक ऐसा समय था जब यह खिलाड़ी डिस्कस को रिलीज भी करने की स्थिति में नहीं थी लेकिन आज वह पोडियम पर पहुंच गई है।

सीमा के खेल का सफर स्कूल में शुरू हुआ। वह उस समय रेसलिंग, कबड्डी और बॉक्सिंग खेला करती थीं। स्कूल टीचर ने ही उन्हें डिस्कस थ्रो के बारे में बताया और सीमा ने फिर इस खल को नहीं छोड़ा। स्कूल से जोनल और फिर धीरे-धीरे वह जूनियर लेवल पर प्रदर्शन करने लगी। जैसे ही वह मेडल लाने लगी उनके सपनों पर अल्प विराम लग गया।

सीमा को पहले घुटने की इंजरी हुई। इस इंजरी से पूरी तरह उबर पाती इससे पहले ही कोरोना काल आया और एक बार फिर मैदान पर उनकी वापसी टल गई। कोरोना के समय ही सीमा और उनके पति रविंद्र ने परिवार को आगे बढ़ाने का फैसला किया। हर महिला एथलीट की निजी जीवन के इस फैसले का असर उनके करियर पर भी हुआ। वह फिर ट्रैक से दूर हो गईं।

टे के जन्म के 11 महीने बाद ही सीमा वापसी के लिए बैचेन हो गईं। उन्होंने ट्रेनिंग करना शुरु कर दिया। हालांकि वह समय आसान नहीं था। तीन साल तक इंजरी, कोरोना औऱ फिर मां बनने के बाद आए बदलावों के बाद सबकुछ पहले जैसा नहीं था। वह डिस्कस को ठीक तरह रिलीज भी कर पा रही थी। हालांकि उनके पति और कोच रविंद्र ने यह जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने धीरे-धीरे सीमा की ताकत, तकनीक और तमाम चीजों पर काम किया।

सीमा अब अपने बच्चे के साथ-साथ अपने करियर को भी संभाल रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक और जिम्मेदारी उठाई है और वह है पीएचडी। तीनों चीजों को एक साथ मैनेज करना आसान नहीं है लेकिन सीमा इस चुनौती का भी पूरी हिम्मत के साथ सामना कर रही हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘मैनेज बस हो जाता है सर। हम अपने बेटे रुद्रा के साथ बहुत कम समय बिता पाते हैं। वह अपने दादा-दादी और नाना-नानी के साथ रहता है। दोनों परिवार की ओर से हमें पूरा समर्थन मिलता है। इसी कारण हम सबकुछ कर पाए हैं।’

उन्होंने अपनी सफलता के बारे में कहा, ‘ओलंपिक मेरे लिए अंतिम लक्ष्य है लेकिन हम वहां तभी पहुंच सकते हैं जब हम महाद्वीपीय चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे आयोजनों में खेलने के छोटे लक्ष्य हासिल करेंगे। प्रमुख प्रतियोगिताओं के अलावा, मेरा एक लक्ष्य महिलाओं के डिस्कस थ्रो में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ना है।”