Operation Devil Hunt Bangladesh: बांग्लादेश में हालात लगातार खराब हो रहे हैं। बीते दिनों एक बार फिर इस इस्लामिक मुल्क में हिंसा की घटनाएं हुई और इससे निपटने के लिए वहां की मोहम्मद यूनुस सरकार ने ऑपरेशन डेविल हंट (Operation Devil Hunt) शुरू कर दिया है। इस ऑपरेशन के तहत बांग्लादेश के सुरक्षा बलों के जवान 1300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या इसके जरिए बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है।
याद दिलाना होगा कि कुछ दिन पहले बांग्लादेश में उपद्रवियों ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाया था। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे। इस दौरान शेख हसीना के परिवार और अवामी लीग से जुड़ी तमाम पहचानों पर हमले किए गए थे।
मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार ने साफ कहा है कि वह देश में अशांति फैलाने वाली ताकतों को पूरी तरह उखाड़ फेंकेगी।
ऑपरेशन डेविल हंट के बारे में यूनुस सरकार की ओर से कहा गया है कि यह अभियान इसलिए शुरू किया गया क्योंकि पिछली तानाशाह सरकार से जुड़े लोगों ने गाजीपुर में छात्रों पर हमला किया। सरकार के गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी ‘शैतानों’ को न्याय के कटघरे में नहीं खड़ा कर दिया जाता। चौधरी ने कहा कि एक भी ‘शैतान’ को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान ऐसे लोगों के खिलाफ है जो लोग कानून की मुखालफत कर रहे हैं और जिन्होंने छात्रों पर हमला किया।
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याद दिलाना होगा कि पिछले हफ्ते बुधवार को हजारों लोगों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के घर में आग लगा दी थी। शेख मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश बनाने की लड़ाई लड़ी थी और बांग्लादेश की आजादी के आंदोलन का नेतृत्व किया था। जिस घर में उपद्रवियों ने आग लगा दी थी, वहीं से मुजीबर रहमान ने 1971 में बांग्लादेश की आजादी का ऐलान किया था। हिंसा के बाद शेख हसीना ने सोशल मीडिया पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था कि बांग्लादेश का इतिहास बुलडोजर से नहीं मिटाया जा सकता।
याद दिलाना होगा कि पिछले साल जब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ विद्रोह हुआ था तो उन्हें मजबूरी में भारत में शरण लेनी पड़ी थी। तब से 77 साल की शेख हसीना भारत में ही रह रही हैं।
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अवामी लीग की सियासी विरोधी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने मोहम्मद यूनुस सरकार से मॉब कल्चर पर रोक लगाने और देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को फिर से बहाल करने की अपील की है। इस बीच मोहम्मद यूनुस ने भी सभी लोगों से कानून के शासन का पालन करने की अपील की है।
बांग्लादेश लगातार राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है और ऐसे में सवाल यह है कि इस मुल्क के हालात क्या कभी बेहतर होंगे? मोहम्मद यूनुस सरकार पर आरोप है कि वह लगातार अवामी लीग के समर्थकों और कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद बड़ी संख्या में हिंदुओं पर हमले और अत्याचार होने की घटनाएं सामने आई थी। इसे लेकर भारत की ओर से भी कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था।