Anil Vij to Kirodi Lal to Yatnal: दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद भाजपा ने अपना ध्यान कुछ राज्य इकाइयों में चल रही खटपट पर केंद्रित किया है। इसके साथ ही बीजेपी ने अपने-अपने राज्यों में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोलने वाले तीन वरिष्ठ नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करने के समय के अलावा, इसमें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के शामिल होने से यह धारणा मजबूत हुई है कि पार्टी के लिए अनुशासन ज्यादा महत्वपूर्ण है।
हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में विधानसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद भाजपा की वर्तमान कार्रवाई को उन नेताओं को चेतावनी देने के रूप में भी देखा जा रहा है, जो केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा प्रमुख पदों पर नियुक्त कुछ क्षेत्रीय पार्टी नेताओं को लगातार चुनौती दे रहे हैं।
हालांकि, एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि इस कार्रवाई को चुनाव नतीजों से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि (कारण बताओ नोटिस पाने वाले) नेता वे नहीं हैं जिनके बिना किसी भी राज्य में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है। कभी-कभी, यह संदेश देना पड़ता है कि बेरुखी भरी टिप्पणियां बंद होनी चाहिए। ऐसा तब नहीं किया जा सकता था जब पूरा पार्टी नेतृत्व दिल्ली चुनाव में व्यस्त था। चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें नोटिस दिए गए।
नेता ने यह भी कहा कि जिन राज्यों से ये नेता जुड़े हैं, वहां चुनाव अभी बहुत दूर हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए के सहयोगी दल (राष्ट्रीय स्तर पर) सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं। कोई चुनौती नहीं है। विधानसभा चुनावों में सफलता से पार्टी के बारे में लोगों की धारणा मजबूत होती है और विपक्ष का मनोबल गिरता है।
सोमवार को भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति ने बीजापुर शहर के विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल को पूर्व सीएम और वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे और राज्य भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ लगातार हमले करने के लिए दूसरा नोटिस जारी किया। नवंबर 2023 में विजयेंद्र की कर्नाटक भाजपा प्रमुख के रूप में नियुक्ति के बाद से यतनाल, जिन्हें पिछले साल दिसंबर में इस मुद्दे पर कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था, उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं।
हरियाणा के मंत्री और सात बार विधायक रहे अनिल विज को सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। विज ने राज्य भाजपा प्रमुख मोहन लाल बडोली और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ आलोचनात्मक बयानबाजी की थी। बडोली ने विज को यह नोटिस जारी किया था।
हरियाणा के पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी वरिष्ठ मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को राज्य भाजपा प्रमुख मदन राठौर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने उनके फोन टैप किए हैं।
विज ने अक्टूबर 2024 में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले सीएम पद पर दावा पेश किया और एक हफ्ते पहले अपने खिलाफ “आंतरिक तोड़फोड़” का आरोप लगाकर खलबली मचा दी, वहीं राजस्थान में मीना लंबे समय से हलचल मचा रहे थे और यहां तक कि उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा भी दे दिया था, हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक का मुद्दा जटिल हो गया है, क्योंकि पार्टी ने यतनाल को विजयेंद्र के खिलाफ हमले जारी रखने की अनुमति दी है, यहां तक कि उन्हें “भ्रष्ट और चरित्रहीन” भी कहा है, जबकि यतनाल खेमे के एक अन्य विधायक रमेश जारकीहोली ने राज्य प्रमुख को “बच्चा” कहा है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के साथ मधुर-कड़वे रिश्तों के बावजूद भाजपा नेतृत्व का येदियुरप्पा के साथ हमेशा से ही एक दुविधापूर्ण समीकरण रहा है, जिसका श्रेय लिंगायत समुदाय पर उनकी पकड़ को जाता है। जिसे राज्य में पार्टी का मुख्य मतदाता माना जाता है। यतनाल, जो एक लिंगायत हैं और जिन्हें येदियुरप्पा के धुर विरोधी बीएल संतोष का सहयोगी माना जाता है, वो नहीं चाहते कि विजयेंद्र अपने पिता की जगह लें,क्योंकि उनमें येदियुरप्पा जितनी लोकप्रियता और ताकत नहीं है।
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यतनाल ने विजयेंद्र और येदियुरप्पा की आलोचना नवंबर 2023 में शुरू की थी, जब उन्होंने पूर्व सीएम पर कोविड-19 महामारी के दौरान कथित तौर पर 40,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था, लेकिन ऐसी धारणा थी कि पार्टी नेताओं द्वारा प्रतिकूल टिप्पणियां जून 2024 के बाद बढ़ रही थीं,जब भाजपा ने लोकसभा में अपनी सीटों की संख्या में गिरावट देखी थी। 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा को काफी हद तक एक अनुशासित इकाई के रूप में देखा जाता था।
बता दे, नेताओं को नोटिस ऐसे समय में भेजा गया है जब पार्टी के पदाधिकारी पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के अलावा दिल्ली और मणिपुर के नए सीएम के चयन का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि ये फैसले मोदी के फ्रांस और अमेरिका दौरे से लौटने के बाद लिए जाएंगे।
वहीं, मणिपुर एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा ने सत्ता परिवर्तन के लिए कार्रवाई की है, जहां सीएम एन बीरेन सिंह को पद छोड़ने के लिए कहा गया था। सूत्रों ने बताया कि सिंह को राज्य में मैतेई और कुकी-जोस के बीच लगभग दो साल से चल रहे जातीय संघर्ष के अलावा भाजपा विधायकों के एक वर्ग के विरोध के कारण पद से हटाया गया।
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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए विकास पाठक की रिपोर्ट)