Pulwama Attack 6th Anniversary: भारत पुलवामा हमले की छठी बरसी मना रहा है, 6 साल पहले पाकिस्तान ने 14 फरवरी को एक कायरना हमला किया था। उस हमले में देश के 40 सपूत शहीद हो गए थे, उस एक हमले ने भारत की जवाबी कार्रवाई को भी हमेशा के लिए बदल दिया था। हमले के ठीक 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी, जैश के ठिकानों पर बम बरसाए थे। आगे चलकर इसे ही बालाकोट एयर स्ट्राइक कहा गया।

इस हमले की बात करें तो 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ का एक बड़ा काफिला जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रहा था, कल 78 बसे थीं और 2500 जवान सवार थे। असल में जैश ए मोहम्मद को पहले ही जानकारी मिल चुकी थी कि भारतीय सेना का काफिला कौन से रूट से गुजरने वाला है, इसी वजह से उस रूट पर एक आतंकी ने विस्फोटक से लदी अपनी गाड़ी को सीआरपीएफ जवानों की बस से ठोक दिया था। उस जोरदार टक्कर की वजह से धमाका हुआ और 40 जवान मौके पर ही शहीद हो गए, उनके शव क्षत-विक्षत होकर जमीन पर बिखर गए।

उस आतंकी हमले के तुरंत बाद जवानों को पास के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन हमला इतना जोरदार और घातक था कि कई जवान उससे पहले ही दम तोड़ चुके थे। इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकी का नाम आदिल अहमद डार था। उसके अलावा सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान जैसे आतंकियों का नाम भी सामने आया था। इस आतंकी हमले की बाद में जब जांच की गई तब 13000 से भी अधिक पन्नों की एक विस्तृत चार्ज शीट दाखिल की गई।

अब इस एक आतंकी हमले के बाद भारत में जबरदस्त आक्रोश था, हर कोई पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई चाहता था, बलिदान का बदला हर कोई लेना चाहता था। वैसे भी उरी हमले के बाद क्योंकि भारत सरकार सर्जिकल स्ट्राइक कर चुकी थी, ऐसे में इस बार उम्मीदें और ज्यादा थीं। इसी वजह से 14 फरवरी के पुलवामा हमले के एक दिन बाद ही सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की एक बड़ी बैठक बुलाई गई थी। उस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे और उन्हें बताया गया था कि किन विकल्पों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।

ऐसा माना जा रहा है कि पहली ही बैठक में फैसला हो गया था कि पाकिस्तान को सरप्राइज करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक नहीं एयर स्ट्राइक की जाएगी, यानी कि हवाई हमले के जरिए जैश के ठिकानों को ध्वस्त किया जाएगा। उस समय पीएम मोदी ने एयर स्ट्राइक की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को सौंप दी थी और उन्होंने ही उस समय के वायुसेना प्रमुख धनोआ के साथ मिलकर पूरी रणनीति तैयार की थी।

इस पूरे ऑपरेशन की एक बड़ी बात यह थी कि हमला जरूर वायु सेना को करना था, लेकिन आर्मी और नेवी को भी स्टैंडबाई पर रखा गया था। एयर स्ट्राइक से 2 दिन पहले ही फैसला ले लिया गया था कि मिराज 2000 फाइटर जेट के साथ Netra AWACS तैनात रहेगा, इनको उस समय ग्वालियर में तैनात किया गया था। इसके साथ-साथ आगरा बेस को भी पूरे समय अलर्ट पर रखा गया। इस पूरे ऑपरेशन की गोपनीयता बनाए रखने के लिए 25 फरवरी की शाम से ही उस मिशन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों के फोन भी बंद कर दिए गए थे।

फिर आई 26 फरवरी की वो रात जब भारत को पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करनी थी। देर रात मिराज 2000 ने ग्वालियर से उड़ान भरी, उसी समय आगरा और बरेली के एयरबे को भी अलर्ट पर कर दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान एक खास नजर पाकिस्तान एयर डिफेंस सिस्टम पर रखी गई जिससे मिशन में कोई चुनौती ना आए। अब बताया जाता है कि भारतीय वायुसेना की शौर्य ने 300 से ज्यादा जैश के आतंकियों का सफाया कर दिया था। पाकिस्तान ने खुद कभी इस बात को नहीं कुबूल किया, लेकिन उसकी बौखलाहट ने उस पर हुई सबसे बड़ी कार्रवाई की पुष्टि कर दी थी। वैसे भी लोगों की आपबीती, आंखोंदेखी भी काफी कुछ बताने के लिए काफी रही, उस दर्द को और ज्यादा समझने के लिए यहां क्लिक करें