Supreme Court News: घरेलू हिंसा से अलग हुए एक जोड़े को मिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कोशिश की। कोर्ट ने पत्नी को भरोसा दिया और पति को वॉर्निंग। जस्टिस सूर्य कांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने पति से कहा कि आगे से पत्नी के साथ में कभी भी बुरा बर्ताव मत करना, नहीं तो अंडमान की जेल में भेज देंगे और कोई भी कोर्ट जमानत नहीं देगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने उत्तर प्रदेश के महाराजगंज की रहने वाली महिला से 20 मिनट से ज्यादा वक्त तक हिंदी में बात की और उसे सिक्योरिटी का भरोसा दिलाया। उसने बताया कि जब वे साथ रहते थे, तो वह उसे हर दिन कैसे प्रताड़ित करता था। यूपी के महाराजगंज की महिला ने जस्टिस कांत से कहा, ‘मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती। उसने मुझे जलाने की कोशिश की थी, लेकिन दूसरे लोगों की वजह से बच गई। अगर मैं उसके साथ रहने चली जाती हूं और वह मुझे मार देता है, तो यह अदालत क्या कर सकती है? मेरे दो नाबालिग बच्चों का क्या होगा।’
जज ने पति से कहा कि अगर कोर्ट में फिर से उसके खिलाफ शिकायत आती है तो उसे अंडमान जेल भेज दिया जाएगा। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘अगर हमें कभी भी उसकी तरफ से बुरे बर्ताव की एक भी शिकायत मिली तो हम आपको अंडमान जेल भेज देंगे और निर्देश देंगे कि कोई भी कोर्ट आपको जमानत नहीं देगा। जब आप शादी करते हैं तो आप अपनी पत्नी के साथ सम्मान से पेश आने की जिम्मेदारी लेते हैं।’
सरकारी खैरात के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सख्त
जस्टिस कांत ने कहा कि आपका (पति का) भविष्य पत्नी द्वारा दिए गए अच्छे आचरण प्रमाण पत्र पर निर्भर करता है। आपकी एसीआर (एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) उसके हाथ में है। अगर वह आपको खराब एसीआर देती है, तो आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वहीं पति ने कोर्ट को शपथ पत्र दिया कि वह अब बुरा बर्ताव बिल्कुल नहीं करेगा। इतना ही नहीं कोर्ट ने पटेल नगर थाने के एसएचओ को यह निर्देश दिया कि एक महिला कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल रोजाना शाम को दंपत्ति के घर पर जाए और उनका हालचाल जाने। कोर्ट ने कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी पत्नी के बयानों की एक डायरी बनाएगा और 15 दिनों के अंदर कोर्ट में पेश करेगा। पूर्व CJI के बेटे लड़ रहे रणवीर इलाहाबादिया का केस पढ़ें पूरी खबर…