Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि अधिक रकबे में खेती और अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण भारत में चालू रबी सत्र के दौरान गेहूं की अच्छी फसल होने की उम्मीद है। भारत ने वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 1,132.92 लाख टन गेहूं का उत्पादन किया था।शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा, “इस साल हमारे यहां गेहूं का बंपर उत्पादन होगा। फसल की सेहत अच्छी है।”

फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में गेहूं का रकबा 320 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले साल यह रकबा 315.63 लाख हेक्टेयर था। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने भी अधिक रकबे के कारण वर्ष 2024-25 में गेहूं का अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि अब तक फसल की स्थिति अच्छी है और दिन-रात का तापमान सामान्य है।

गुरुवार को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं (Processors) के लिए गेहूं की स्टॉक रखने की सीमा को कड़ा किया गया है। विभाग ने यह भी कहा कि देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है। वह कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। देश में उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए यह उचित हस्तक्षेप करता है।

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31 मार्च तक लागू होने वाली संशोधित स्टॉक सीमा के अनुसार, व्यापारी एवं थोक विक्रेता पहले के 1,000 टन के मानदंड के मुकाबले केवल 250 टन गेहूं रख सकते हैं। खुदरा विक्रेताओं के लिए, स्टॉक सीमा को प्रत्येक खुदरा दुकान के लिए चार टन तक संशोधित किया गया है। पहले यह सीमा पांच टन थी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के निरंतर प्रयासों के तहत, केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं की स्टॉक सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया है।”

बड़े खुदरा बिक्री श्रृंखला के लिए, प्रत्येक बिक्री केन्द्र के लिए स्टॉक सीमा चार टन होगी, जो उनके सभी बिक्री केन्द्र और डिपो पर अधिकतम मात्रा (चार गुना आउटलेट की कुल संख्या) टन स्टॉक के अधीन होगी। सभी गेहूं स्टॉकिंग संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल पर पंजीकरण करना और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अद्यतन करना आवश्यक है।

सरकार ने कहा कि कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती पाई गई, उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है, “यदि उपरोक्त संस्थाओं के पास स्टॉक उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।” (भाषा)

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