यूपी के कुशीनगर में मस्जिद के एक हिस्से को गिराने वाले यूपी सरकार के अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस 13 नवंबर 2024 के अपने आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर भेजा है। 13 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने बिना पूर्व सूचना और सुनवाई का अवसर दिए देश भर में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों को यह जवाब देने के लिए कहा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए? अवमानना याचिका की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि अगले आदेश तक ढांचे को नहीं तोड़ा जाएगा।

कुशीनगर में 9 फरवरी को SDM योगेश्वर सिंह और CO कुंदन सिंह सुबह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मदनी मस्तिज पहुंचे और तीन मंजिला इमारत के अवैध हिस्से के ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया। मदनी मस्जिद को लेकर विवाद 1999 से शुरू हुआ था। स्थानीय नेता राम बच्चन सिंह ने पहली बार इसके अवैध निर्माण के बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, उस समय कोई एक्शन नहीं हुआ था।

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दिसंबर 2023 में यह मुद्दा फिर से सामने आया तब जांच शुरू की गई। न्यूज एजेंसी भाषा को सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका प्रशासन ने मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी को कानूनी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तीन नोटिस जारी किए लेकिन कोई वैध कागजात उपलब्ध नहीं कराए गए, लिहाजा मस्जिद को अनधिकृत घोषित कर दिया गया।

भाषा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी ने जिला प्रशासन के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसने मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर स्थगन का आदेश दिया था। इस आदेश की अवधि आठ फरवरी को समाप्त हो गई। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर एक्शन शुरू किया गया।

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