Uttarakhand News: उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक सिख व्यापारी पर शोरूम में हमला हुआ है, और काफी तोड़फोड़ भी की गई। इसको लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आलोचना की है और राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार से मांग की है, कि इस मामले में कार्रवाई की जाए। बता दें कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
SGPC ने कहा कि उसने पीड़ित से संपर्क किया है और उसे पूरी मदद का आश्वासन दिया है। एसजीपीसी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नान ने कहा कि वायरल वीडियो में भीड़ को सिख व्यापारियों पर शारीरिक हमला करते और उनके शोरूम पर पथराव करते हुए दिखाया गया है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य पुलिस को पत्र लिखकर अपराधियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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SGPC द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मन्नान ने कहा कि भीड़ ने पीड़ित सिख की पगड़ी को जबरन हटा दिया, जो कि अपवित्र कृत्य है, और उसके केश (अनछुए बाल) को अपवित्र किया। उन्होंने अधिकारियों से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित धाराओं के तहत दोषियों पर मामला दर्ज करने का आग्रह किया।
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SGPC के बयान में कहा गया है कि व्यापारी के अनुसार, एक स्थानीय कांग्रेस पार्षद, जो कथित तौर पर हमले के पीछे है, कुछ समय से क्षेत्र में सिख व्यापारियों को परेशान कर रहा है। मन्नान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने, सभी दोषियों की पहचान करने और घटना पर तत्काल कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया। एसजीपीसी ने सभी स्तरों पर सरकारों से भारत भर में सिखों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करने का भी आह्वान किया है।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी ऋषिकेश की घटना की निंदा करते हुए इसे देश में विभिन्न धर्मों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।
अकाल तख्त सचिवालय की ओर से जारी बयान में ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि हर लोकतांत्रिक सरकार का यह मौलिक कर्तव्य है कि वह विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों के मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बनाए रखे। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में मामूली विवाद को लेकर सिख व्यापारी पर हमला, खासकर उसकी पगड़ी और बालों को निशाना बनाना लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक है। उत्तराखंड से संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।