अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक कड़ी चेतावनी देते हुए साफ कर दिया कि कनाडा और मेक्सिको पर हर हाल में मंगलवार से टैरिफ लागू हो जाएगा। उन्होंने इसको टालने या रियायत देने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दोनों देशों के लिए अब कोई रियायत नहीं बची है और मंगलवार से नए टैरिफ पूरी तरह लागू हो जाएंगे। ट्रंप के इस ऐलान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। इससे पहले,फरवरी में उन्होंने कनाडा और मेक्सिको से आयातित उत्पादों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया था। अब यह रोक हटने जा रही है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव और बढ़ सकता है।
पड़ोसी देश कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने ट्रंप के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि इस टैरिफ से कनाडा में हजारों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगर अमेरिका टैरिफ हटाने पर सहमत नहीं होता, तो कनाडा भी जवाबी शुल्क लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अमेरिकी प्रशासन के साथ लगातार बातचीत कर रही है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इस फैसले के दूरगामी असर पड़ सकते हैं और उत्तरी अमेरिका में व्यापार संतुलन प्रभावित हो सकता है।
#WATCH | Washington, DC: US President Donald Trump says, “There is no room left for Mexico or Canada. The tariffs are all set and are going to effect tomorrow…”(Source: US Network Pool via Reuters) pic.twitter.com/AifaoOGMYU
ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर अवैध प्रवास और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर अमेरिका लंबे समय से सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा था और अब इंतजार खत्म हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों देशों को अमेरिका में निवेश करना होगा, तभी वे टैरिफ से बच सकते हैं। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह फैसला घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार बढ़ाने के लिए लिया गया है।
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अमेरिका ने सिर्फ मेक्सिको और कनाडा ही नहीं, बल्कि चीन पर भी टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रंप ने पहले लगाए गए 10 प्रतिशत टैरिफ को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के आदेश दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में और खटास आ सकती है। चीन पहले ही अमेरिकी टैरिफ नीति का कड़ा विरोध करता रहा है और इस नए फैसले के बाद वह भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
टैरिफ लागू होने से ऑटोमोबाइल, निर्माण सामग्री और कई अन्य प्रमुख उद्योगों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है। इससे उत्पादों की कीमतें बढ़ने का खतरा है, जिसका असर आम उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान घरेलू उत्पादन को सस्ता और प्रतिस्पर्धी बनाने का वादा किया था, लेकिन इस टैरिफ नीति से लागत बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।