Justice BR Gavai and Justice Surya Kant In Kenya: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने की दौड़ में शामिल सुप्रीम कोर्ट के दो जज अफ्रीकी देश के अपने समकक्षों के साथ के साथ जस्टिस डिलीवरी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 5000 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करके केन्या पहुंचे हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत दो सुप्रीम कोर्ट के बीच एक हफ्ते तक चलने वाले कार्यक्रमों के लिए केन्या में हैं। 7 मार्च से 15 मार्च तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की थीम ‘जस्टिस डिलीवरी एंड एडोपटेशन ऑफ टेक्नोलॉजी विद इन ज्यूडिशियल सिस्टम’ है।
जस्टिस गवई दोनों सुप्रीम कोर्ट के बीच सहयोग के संभावित तरीकों पर चर्चा में भाग लेंगे। वह न्यायपालिका के अंदर टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के विषय पर एक संवाद का भी हिस्सा होंगे। जस्टिस सूर्यकांत न्यायपालिका में सेवा वितरण को अनुकूल बनाने और चुनौतियों पर एक संवाद में भी हिस्सा लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के दोनों जज नैरोबी यूनिवर्सिटी के लॉ स्कूल में भी भाषण देंगे। केन्या के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश और अध्यक्ष मार्था के कूमे भी हफ्ते भर चलने वाले जजों की बैठक के दौरान संवाद का हिस्सा होंगी।
शादी के वादे का उल्लंघन करना बलात्कार नहीं
सबसे दिलचस्प बात यह है कि केन्या की पहली महिला जज कूम साल 2023 में भारत आईं थी। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने सुप्री कोर्ट की सुनवाई में भी हिस्सा लिया और पांच जजों वाली संविधान पीठ के साथ बैठीं। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की और भारत के कई कार्यक्रमों में भाग लिया। जस्टिस बीआर गवई अगले सीजेआई पद के अगले उम्मीदवार हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज होने के अलावा वह नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। जस्टिस गवई के बाद अगले मुख्य न्यायाधीश पद की दौड़ में अगले उम्मीदवार जस्टिस सूर्यकांत हैं। वह सुप्रीम कोर्ट लीगल कमेटी और राष्ट्रमंडल विधिक शिक्षा संघ के मुख्य संरक्षक भी हैं।
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवम्बर 1960 को अमरावती में आर.एस. गवई के घर हुआ था। वह केरल के पूर्व राज्यपाल थे। 25 साल की उम्र में जस्टिस गवई बार में शामिल हो गए और 1985 में वकील के रूप में नामांकित हुए व बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ में प्रैक्टिस करना शुरू किया। गवई को 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया और 2005 को वे बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी जज बन गए। जस्टिस गवई ने मुंबई में मुख्य पीठ के साथ-साथ नागपुर, औरंगाबाद और पणजी में सभी तरह के कार्यभार वाली बेंचों की अध्यक्षता की। जस्टिस बीआर गवई को 2019 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। किसी को ‘मियां-पाकिस्तानी’ कहना गलत लेकिन अपराध नहीं