Gujarat Politics: कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिन के गुजरात दौरे पर थे। यहां पहले दिन जहां उन्होंने पार्टी के नेताओं के साथ कई बैठकें कीं। दूसरी ओर शनिवार को राहुल गांधी ने पार्टी के राज्य के संगठनों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पार्टी के अंदर कई नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत करने का आरोप लगाए थे। राहुल का कहना है कि कांग्रेस को गुजरात में एक्टिव करना दो तीन साल नहीं बल्कि 50 साल का प्रोजेक्ट है।
दरअसल, राहुल गांधी ने अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि पार्टी में दो तरह के नेता है। एक वो, जो जनता के साथ खड़े होते हैं, उनके लिए लड़ते हैं और उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उनके दिल में कांग्रेस है; दूसरे, जो अलग-थलग बैठते हैं, लोगों का सम्मान नहीं करते और BJP के साथ सांठगांठ करते है।
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राहुल गांधी ने कहा कि अगर हमें 20 से 30 लोगों को निकालना भी पड़े तो हम निकाल देंगे। अगर आप कांग्रेस के भीतर से बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं, तो आपको बाहर भेज दिया जाएगा ताकि आप खुलकर उनके लिए काम कर सकें। जैसे ही हम ऐसा करेंगे, गुजरात के लोग पार्टी में आना चाहेंगे और हमें उनके लिए अपने दरवाजे खोलने होंगे। हमें चुनावों के बारे में बात करने की ज़रूरत नहीं है, यह दो-तीन साल का प्रोजेक्ट नहीं बल्कि 50 साल का प्रोजेक्ट है।
राहुल ने यह याद दिलाया कि संयुक्त रूप से विपक्ष के पास करीब 40 प्रतिशत वोट शेयर है, जो कि कम नहीं है और न ही विपक्ष कमजोर है। राहुल गांधी के बयान से साफ है कि वो पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं, लेकिन उनका यह बयान पार्टी को एक नई परेशानी में ले जा सकता है, जिसके संकेत प्रदेश स्तर तक के नेताओं के बयान हैं।
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महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष जेनी थुम्मर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वह उन पार्टी नेताओं पर किसी भी तरह की कार्रवाई के खिलाफ हैं, जिन पर राहुल ने बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब कोई पार्टी तीस साल से सत्ता से बाहर रहती है, तो यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। किसी न किसी सोर्स से कांग्रेस के सदस्य बीजेपी से जुड़ते हैं। हमें एक पार्टी के रूप में उन्हें प्रेरित करना होगा। हमें उनके साथ बैठकर बात करनी होगी।
दूसरी ओर गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक में गांधी के निर्देशों को “लागू” किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें दिखाना चाहिए कि विपक्ष क्या कर सकता है। अगर आप विपक्ष में भी रहते हैं, तो आप हजारों लोगों के जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं और एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। मैं आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए तैयार हूं और मेरे पास विचारधारा भी है।
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वहीं आदिवासी नेता अर्जुन राठवा का कहना है कि राहुल की सख्ती जरूरी है और पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने वालों की पहचान करने और उन्हें हटाने के बयान से पार्टी में नया जोश आएगा। अर्जुन राठवा ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर छोटा उदयपुर सीट से टिकट दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कादिर पीरजादा ने कहा कि सदन को व्यवस्थित करने का अधिकांश काम 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले AICC के अधिवेशन से पहले पूरा कर लिया जाएगा। 1961 के बाद से यह गुजरात में एआईसीसी का पहला अधिवेशन होगा।
नाम न बताने की शर्त पर कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने कहा कि राहुल का बयान कांग्रेस के लिए उल्टा भी पड़ सकता है। कांग्रेस के पदाधिकारी ने कहा है कि कांग्रेस करो या मरो वाली स्थिति में है, जो लोग अभी तक पार्टी नहीं छोड़ पाए हैं, वे जानते हैं कि बीजेपी में उनके लिए कुछ नहीं लेकिन व्यापार रियल स्टेट और बीजेपी के सत्ता में होने के कारण उनके निजी हित हैं। इस तरह की अंदरू कलह को रोकना बेहद मुश्किल होगा। कांग्रेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।