महिला दिवस से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के परसवाड़ा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें छह पुरुष अपनी पत्नियों की जगह पंचायत सदस्य के रूप में जगह लेते नजर आ रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने गांव के सचिव को सस्पेंड कर दिया है और यह स्पष्ट किया है कि थ्री टायर पंचायती राज सिस्टम में पतियों को शपथ दिलाने का कोई प्रावधान कानून में नहीं है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस शर्मनाक घटना को लेकर गांव में स्थिति सामान्य है। परिवारों का दावा है कि चारों महिलाएं अंतिम संस्कार में शामिल होने गई थीं। दो का कहना है कि उन्हें शपथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने में शर्म महसूस हो रही थी।

छत्तीसगढ़ में एक पूर्व जिला पंचायत CEO ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि 50% रिजर्वेशन की वजह से पुरुष अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतार देते हैं, यह आम बात है। यह घटना सामने आई इसकी एकमात्र वजह वीडियो का वायरल हो जाना है। द इंडियन एक्सप्रेस को शपथ लेने वाले चारों पुरुषों ने बताया कि उन्होंने चुनाव लड़ने की तैयारी की थी लेकिन सीट महिला के लिए रिजर्व होने की वजह से उन्हें अपनी पत्नियों को मैदान में उतारना पड़ा।

Watch | In Chattisgarh’s Paraswara village, 6 women elected to panchayat, their husbands take oath pic.twitter.com/YXTxdCS20S

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस गांव में 12 वार्ड हैं और 1700 जनसंख्या है। 12 वार्ड में से छह महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। नव नियुक्त सरपंच रत्न लाल चंद्रवंशी ने बताया कि तीन मार्च को उन्हें और 12 पंचों को पहली पंचायत मीटिंग में आमंत्रित किया गया था, जहां उन्हें रजिस्टर पर साइन करने से और औपचारिक रूप से काम शुरू करना था। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से सभी ग्रामीणों को जश्न के लिए बुलाया गया था।

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रत्न लाल चंद्रवंशी ने दावा किया कि चार महिलाएं दो अंतिम संस्कार कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गई थीं जबकि दो पंचायत मीटिंग में सौ से ज्यादा पुरुषों के होने के कारण शर्म महसूस कर रही थीं। इसलिए यह तय हुआ कि इन छह महिलाओं के लिए 8 मार्च को अलग से शपथ कार्यक्रम रखा जाएगा। इसी दिन डिप्टी सरपंच का चयन किया जाएगा।

वायरल वीडियो में छह पंच पति अन्य छह चुनाव जीते व्यक्तियों के साथ शपथ लेते दिखाई दे रहे हैं। रत्न लाल चंद्रवंशी इस बात पर जोर दिया कि पुरुष अपनी पत्नियों की जीत का जश्न मनाने और सर्टिफिकेट लेने के लिए मौजूद थे। सचिव प्रवीण सिंह ठाकुर ने भी यह दावा किया। हालांकि जिला प्रशासन ने इस बात को नहीं मान रहा है और उसने सचिव प्रवीण को पांच मार्च को सस्पेंड कर दिया।

जिला पंचायत CEO अजय कुमार त्रिपाठी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया,”हमने ठाकुर को निलंबित कर दिया क्योंकि उन्होंने पहली बैठक में गैर-निर्वाचित लोगों को शामिल किया था, जो सिर्फ निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए आयोजित की गई थी।”

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जब द इंडियन एक्सप्रेस ने महिलाओं और उनके पतियों से मुलाकात की तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि असली शपथ कार्यक्रम आठ मार्च को होगा। सरिता साहू (होम मेकर), जिन्होंने क्लास आठ तक पढ़ाई की, ने अपने घर में पर्दे के पीछे से खड़े होकर कहा कि वो अब से पंचायत की बैठकों में भाग लेंगी।

विद्या बाई यादव (36) ने कहा कि वह उस दिन बीमार थीं। उनके पति चंद्रकुमार (40), जो दसवीं तक पढ़े हैं, ने कहा, “मैं उसे पंच के काम में शामिल करूंगा क्योंकि वह पढ़ नहीं सकती। मैं उसे प्रस्ताव समझाऊंगा और उसकी सहमति लूंगा।

एक अन्य महिला पंच नीरा चंद्रवंशी के पति शोभाराम ने बढ़ाया कि वह अपने एक रिश्तेदार के यहां अंतिम संस्कार में शामिल होने गई थीं। जब शोभाराम ने यह बात कही तो नीरा ने हां में सिर हिलाया। संतोषी चंद्रवंशी नाम की पंच ने कहा कि वो आठ मार्च को शपथ लेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पंच का काम नहीं मालूम है लेकिन वो इसे सीखेंगीं। संतोषी पांचवीं क्लास तक पढ़ी हैं।

संतोषी चंद्रवंशी की बेटी ने दावा किया,”मेरी मां को मीटिंग में जाना चाहिए था, लेकिन हमें एक अंतिम संस्कार में शामिल होना था। हमने समाचार देखा। अब जो भी हो, हम (पंचायत मीटिंग में) जाएंगे। हमारे गांव के लोगों ने सुझाव दिया था कि मेरी मां चुनाव लड़े।” एक अन्य पंच गायत्री चंद्रवंशी ने कहा कि उनके पति ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, “हमें सचिन ने पहली मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा था लेकिन मैं एक अंतिम संस्कार में शामिल होने गई थी। मेरे पति ने शपथ नहीं ली, उन्होंने सिर्फ मेरा सर्टिफिकेट लिया था। मैं 8 मार्च को शपथ लूंगी और पंच का काम सीखूंगी।