केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि अपने बेटों की शादी के बाद अब वो वानप्रस्थ आश्रम में जा रहे हैं। अब वो अपना पूरा समय किसानों की सेवा में लगाएंगे। प्रश्नकाल के दौरान सांसदों द्वारा पूछे गए पूरक सवालों का जवाब देते हुए शिवराज ने कहा कि आज से मैं गृहस्थ से वानप्रस्थ आश्रम में जा रहा हूं। आज मेरे बेटों की शादी के बाद ‘रिसेप्शन’ है। मैंने सभी को आमंत्रित किया है। कल से मैं वानप्रस्थी हो जाऊंगा। जिसके बाद मैं अपना पूरा समय किसानों की सेवा में लगाऊंगा क्योंकि उनकी सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है।
फसल बीमा योजना संबंधी सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से पहले फसल के नुकसान के लिए मुआवजे की सबसे छोटी इकाई तहसील होती थी और जब तक पूरी तहसील में फसल बर्बाद नहीं हो, किसानों को मुआवजा नहीं मिलता था। चौहान ने आगे कहा कि पीएम मोदी की सरकार में गांव को सबसे छोटी इकाई बनाया गया और एक गांव में फसल को नुकसान होने पर भी किसानों को राहत मिलती है।
पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि देश का नेता दूर-दृष्टा हो तो व्यवस्थाएं अपने आप बदलने लगती हैं। चौहान ने कहा कि किसानों की हालत एक दशक पहले बहुत खराब थी, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नहीं बल्कि अनेक उपाय किए गए हैं जिसके कारण किसानों की हालत लगातार सुधर रही है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा, ”किसान चाहे केरल का हो या कर्नाटक का, किसान-किसान होता है। हम सब भारत मां के लाल हैं और भेदभाव का कोई सवाल नहीं है।”
उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं तो नीति आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्र सरकार राज्यों को धन देती है और कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा हो तो केंद्र सरकार स्पेशल टीम भेजकर अतिरिक्त पैसा भी देती है। चौहान ने कहा, ”केरल को भी एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत कोष) के तहत 138 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए। आपके माध्यम से मैं प्रियंका गांधी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कहीं भी संकट आएगा तो केंद्र बिना भेदभाव के राज्य के साथ खड़ा रहेगा।” उन्होंने कहा कि जहां भी किसानों पर प्राकृतिक संकट आएगा, वे चाहे किसी भी राज्य के, गांव के हों। भारत सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी।