बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लग रहा है। विपक्षी दल आरजेडी ने नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगाया है। दरअसल एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रगान के बीच हंसते और बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। पटना में विश्व सेवक टकरा प्रतियोगिता आयोजन हुआ और इसके उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रगान बज रहा था। इस दौरान नीतीश कुमार हंसते और बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि राष्ट्रगान के अपमान पर क्या सजा मिलती है?

राष्ट्रगान को 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने पारित किया था और इसे राष्ट्रगान घोषित किया गया था। इसके गाने के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इसे 52 सेकंड में गया जाता है और इस दौरान सबको इसके सम्मान में अपने स्थान पर खड़ा होना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रगान का अपमान करता है तो उसे दंडनीय सजा मिल सकती है।

राष्ट्रगान रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था। प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के मुताबिक राष्ट्रगान का अपमान करना दंडनीय अपराध है। इसका उल्लंघन करने पर 3 साल तक की जेल या जुर्माना या फिर दोनों ही सजा हो सकती है।

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राष्ट्रगान को जानबूझकर रोकने या फिर राष्ट्रगान गाने के लिए जमा हुए ग्रुप के लिए बाधा खड़ी करने पर अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है। वहीं जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में राष्ट्रगान के दौरान सम्मानजनक मुद्रा में खड़े रहना जरूरी है। राष्ट्रगान के दौरान व्यक्ति के अंदर देशभक्ति की भावना होनी चाहिए और व्यक्त भी करनी चाहिए।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के वायरल वीडियो पर कहा, “कम से कम राष्ट्रगान का तापमान मत करिए माननीय मुख्यमंत्री जी। युवा, छात्र, महिला और बुजुर्गों का तो आप हर दिन अपमान करते ही हैं। कभी आप महात्मा गांधी जी के शहादत दिवस पर ताली बजाकर उनकी शहादत का मखौल उड़ाते हैं तो कभी राष्ट्रगान का। आपको याद दिला दें कि आप एक बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। चंद सेकंड के लिए भी आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिर नहीं हैं और आपका इस पद पर बने रहना प्रदेश के लिए चिंताजनक बात है। बिहार को बार-बार अपमानित मत कीजिए।”