दुनिया भर के कई देशों में कई ऐसी मस्जिदें हैं जिनकी वास्तुकला, आध्यात्मिकता हर किसी को आकर्षित करती है। ये मस्जिदें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात से लेकर पाकिस्तान, ईरान, मोरक्को, इंडोनेशिया और भारत तक फैली हुई हैं। ये मस्जिदें इस्लाम को मानने वाले लाखों लोगों की इबादत का स्थान है। जहां मुसलमान अपने तरीके से यहां इबादत करते हैं। साल 2025 तक दुनिया की शीर्ष 10 सबसे बड़ी मस्जिदें है। जिनको क्षेत्रफल और उनकी क्षमता के हिसाब से श्रेणीबद्ध किया गया है।
मुस्लिमों की पवित्र यात्रा हज के दौरान करीब चार मिलियन से ज्यादा नमाजियों की चौंका देने वाली क्षमता के साथ, मस्जिद अल-हरम इस्लाम की सबसे बड़ी और सबसे पवित्र मस्जिद है। यह काबा के चारों ओर है, पवित्र काली घन जिसकी ओर दुनिया भर के मुसलमान प्रार्थना करते हैं। लगातार बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या को समायोजित करने के लिए मस्जिद में कई विस्तार किए गए हैं।
इस्लाम के अनुसार इसे दूसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह मस्जिद 1.5 मिलियन से ज्यादा नमाजियों को समायोजित कर सकती है। इस मस्जिद में पैगम्बर मुहम्मद की कब्र है और इसमें एक आकर्षक हरा गुंबद है। इसकी खुली हवा वाली डिजाइन और विशाल ग्राउंड इसे इस्लामी वास्तुकला का एक अनूठा नमूना बनाते हैं।
यह मस्जिद शिया मुसलमानों के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। इसके सुनहरे गुंबद, जटिल टाइल वर्क और विशाल प्रांगण हर साल लाखों लोगों को आकर्षित करते हैं।
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यह मस्जिद वास्तुशिल्प और क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसकी भव्य डिजाइन पारंपरिक और आधुनिक इस्लामी पदार्थों का मिश्रण है, इस वजह से ये पाकिस्तान का एक प्रमुख स्थल बना हुआ है।
अटलांटिक तट पर स्थित, इस मनमोहक मस्जिद में 105,000 इस्लामी श्रद्धालु एक साथ बैठ सकते हैं। इसकी ऊंची मीनार, जटिल मोजाइक और पीछे हटने योग्य छत इसे दुनिया की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक बनाती है।
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बेडौइन टेंट से प्रेरित एक अद्वितीय आधुनिक डिजाइन के साथ, यह मस्जिद 100,000 उपासकों की मेजबानी कर सकती है। इसकी चिकनी, कोणीय संरचना और पहाड़ी पृष्ठभूमि एक शानदार दृश्य दिखाती है।
मुगल वास्तुकला की एक उत्कृष्ट कृति, यह ऐतिहासिक मस्जिद 100,000 नमाजियों को समायोजित कर सकती है। 17वीं शताब्दी में इसका निर्माण भव्य लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। इसकी संरचना और विशाल प्रांगण मुगल-युग की विरासत का प्रतीक है।
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सफेद चमकदार संगमरमर और सोने की सजावट के लिए मशहूर इस मस्जिद में 40,000 से अधिक नमाजी आते हैं। इसके रिफ्लेक्टिव पूल, जटिल फूलों की डिजाइन और दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से बुना हुआ कालीन इसे एक आधुनिक वास्तुशिल्प आश्चर्य बनाते हैं।
दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद होने के कारण, इसमें 200,000 श्रद्धालु बैठ सकते हैं। इसकी न्यूनतम लेकिन प्रभावशाली संरचना इंडोनेशिया की स्वतंत्रता और इस्लामी पहचान का प्रतीक है।
ऊंची मीनारों और 175,000 लोगों की क्षमता वाली यह मस्जिद एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसका गुलाबी अग्रभाग और भव्य प्रांगण इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की भव्यता को दर्शाता है।