म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में 1000 से ज्यादा लोग मारे गए और 2000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सरकारी MRTV के मुताबिक, बैंकॉक सहित पूरे क्षेत्र में झटके महसूस किए गए, जहां एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 117 से अधिक लापता हैं। भूकंप के बाद म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में 6.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। वहीं, आज सुबह 5.16 बजे अफ़गानिस्तान में रिक्टर स्केल पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, 28 मार्च की रात 23.56 (IST) पर म्यांमार में 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया।

*बैंकॉक को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है। म्यांमार की सत्तारूढ़ सेना ने भी कई क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। भारत ने भूकंप से हुए नुकसान के बाद म्यांमार को राहत सामग्री भेजी है। AFS हिंडन से IAF सी 130 जे विमान पर लगभग 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी जा रही है, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, रेडी टू ईट फूड, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट, आवश्यक दवाएं (पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, कॉटन बैंडेज, टॉयलेट बैग आदि) शामिल हैं।

*बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जेल अधिकारियों के करीबी एक सूत्र ने बताया कि म्यांमार की हिरासत में ली गई पूर्व नेता आंग सान सू की पर हाल ही में आए भूकंप का कोई असर नहीं पड़ा है और वे राजधानी नेपी तॉ की जेल में ही हैं। 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से आंग सान सू की हिरासत में हैं, जिसमें उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। उन्हें 2023 में घर में नज़रबंद कर दिया गया था लेकिन बाद में उन्हें वापस राजधानी की जेल में भेज दिया गया।

भूकंप से तबाही… म्यांमार के सामने पहाड़ जैसी चुनौतियां

*सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के अनुसार, 37 सदस्यीय चीनी आपदा प्रतिक्रिया दल चल रहे राहत कार्यों में सहायता के लिए म्यांमार पहुंच गया है। युन्नान से भेजी गई यह टीम भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली, ड्रोन और पोर्टेबल उपग्रहों सहित आपातकालीन बचाव उपकरणों के 112 सेट लेकर आई है।

*म्यांमार के जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने देश में आए विनाशकारी भूकंप केबाद वैश्विक सहायता के लिए अपील की है। एक टेलीविज़न संबोधन में मिन आंग ह्लाइंग ने “म्यांमार में किसी भी देश, किसी भी संगठन या किसी भी व्यक्ति को मदद के लिए आने के लिए आमंत्रित किया।” साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने विदेशी सहायता के लिए सभी रास्ते खोल दिए हैं। वहीं, अमेरिका, यूरोपीय संघ, आसियान और चीन ने समर्थन का वादा किया है।

*बीबीसी के अनुसार म्यांमार के दो सबसे बड़े शहरों, मांडले और यांगून में बिजली गुल हो गई है, जिससे निवासियों को बिजली नहीं मिल पा रही है और संचार में बाधा आ रही है। भूकंप की तबाही के बीच जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए रात भर काम कर रहे बचावकर्मियों के लिए बिजली की कमी से बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पढ़ें- म्यांमार भूकंप से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स