जब से OpenAI ने ChatGPT के घिबली-स्टाइल AI इमेज जनरेटर को लॉन्च किया है, तब से इसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। नेताओं और मशहूर हस्तियों से लेकर आम यूजर्स तक, हर कोई घिबली के आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस-जनरेटेड पोर्ट्रेट शेयर करता नज़र आ रहा है। हांलाकि हर कोई इसके पक्ष में नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर डिजिटल प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स चिंता जता रहे हैं। उनका दावा है कि OpenAI इस ट्रेंड का इस्तेमाल AI ट्रेनिंग के लिए हज़ारों व्यक्तिगत तस्वीरों को इकट्ठा करने के तरीके के रूप में कर सकता है। जबकि यूजर्स इस सुविधा का मज़ा ले रहे हैं, वहीं इसके आलोचकों ने चेतावनी दी है कि वे अनजाने में OpenAI को ताजा चेहरे का डेटा सौंप सकते हैं।
हालांकि एक्टिविस्ट्स ने आग्रह किया कि OpenAI की डेटा कलेक्शन रणनीति सिर्फ़ AI कॉपीराइट मुद्दे से कहीं ज़्यादा है। उनके अनुसार यह कंपनी को स्वैच्छिक रूप से सबमिट की गई तस्वीरों को प्राप्त करने की अनुमति देता है, जो वेब-स्क्रैप किए गए डेटा पर लागू होने वाले कानूनी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हैं।
GDPR विनियमों के तहत, OpenAI को ‘लेजीटीमेट इंटरेस्ट’ कानूनी आधार के तहत इंटरनेट से तस्वीरों को स्क्रैप करने का औचित्य साबित करना चाहिए, जिसका अर्थ है कि उन्हें यूजर्स की गोपनीयता की रक्षा करने और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। इसमें यह प्रदर्शित करना शामिल है कि डेटा कलेक्शन आवश्यक है। यह व्यक्तियों के अधिकारों का हनन नहीं करता है और सख्त पारदर्शिता और जवाबदेही उपायों का पालन करता है।
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एक लंबी एक्स पोस्ट में AI टेक एंड प्राइवेसी अकादमी की को-फाउंडर लुइज़ा जारोव्स्की ने कहा कि जब लोग स्वेच्छा से इन तस्वीरों को अपलोड करते हैं, तो वे उन्हें प्रोसेस करने के लिए (जीडीपीआर का अनुच्छेद 6.1.ए) ओपनएआई को अपनी सहमति देते हैं। यह एक अलग कानूनी आधार है जो OpenAI को अधिक स्वतंत्रता देता है, और ‘लेजीटीमेट इंटरेस्ट’ संतुलन परीक्षण अब लागू नहीं होता है। जीडीपीआर विनियमों के तहत OpenAI को ‘लेजीटीमेट इंटरेस्ट’ के कानूनी आधार के तहत इंटरनेट से तस्वीरों को स्क्रैप करने का औचित्य साबित करना चाहिए, जिसका अर्थ है कि उन्हें यूजर्स की गोपनीयता की रक्षा करने और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे। इसमें यह प्रदर्शित करना शामिल है कि डेटा कलेक्शन आवश्यक है।
लुइज़ा जारोव्स्की ने लिखा, “इसके अलावा OpenAI की गोपनीयता नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कंपनी अपने AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा इनपुट किए गए व्यक्तिगत डेटा को इकठ्ठा करती है, जब उपयोगकर्ता ऑप्ट आउट नहीं करते हैं। OpenAI व्यक्तिगत या निजी तस्वीरों तक मुफ़्त और आसान पहुंच प्राप्त कर रहा है और केवल उनके पास मूल चित्र होंगे। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और अन्य AI कंपनियां केवल ‘घिबलीफाइड’ संस्करण ही देखेंगी।”
हिमाचल साइबर वारियर्स (जिसने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की एक टीम होने का दावा किया) ने लिखा, “घिबली करने से पहले सोचें। प्यारी घिबली-शैली की सेल्फी? इसकी कीमत आपकी सोच से ज़्यादा हो सकती है। आपकी तस्वीर का दुरुपयोग या हेरफेर किया जा सकता है। AI आपकी सहमति के बिना इस पर प्रशिक्षण ले सकता है। डेटा ब्रोकर इसे टार्गेटेड विज्ञापनों के लिए बेच सकते हैं। साइबर स्मार्ट बने रहें। आपकी गोपनीयता मायने रखती है।”