प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर जवाहरलाल नेहरू के निजी संग्रह से उन कागजातों तक पहुंच मांगी है , जिन्हें उन्होंने 2008 में वापस लिया था। पीएमएमएल ने अपनी नवगठित सोसायटी की पहली वार्षिक आम बैठक से पहले ये पत्र वापस मांगे हैं। सूत्रों ने बताया कि सोनिया के कार्यालय ने पीएमएमएल के पत्र का जवाब नहीं दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में सबसे पहले जानकारी देते हुए कहा था कि तत्कालीन पीएमएमएल सोसाइटी ने फरवरी 2024 में अपनी अंतिम वार्षिक आम बैठक में सोनिया की हिरासत में मौजूद कागजात की स्थिति पर चर्चा की थी। लेकिन यह पहली बार है कि उसने सोनिया गांधी को आधिकारिक रूप से इस मामले को रिकॉर्ड में रखा है। सोनिया गांधी के ऑफिस ने इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।
सूत्रों के अनुसार, पीएमएमएल ने सोनिया को लिखे अपने पत्र में रिसर्चर्स के लिए कागजात तक पहुंच की मांग की है। म्यूजियम के अधिकारियों ने उनसे नेहरू से संबंधित कोई अन्य महत्वपूर्ण पत्राचार भी दान करने को कहा है, जिससे शोधकर्ताओं को आधुनिक भारतीय इतिहास को समझने में मदद मिलेगी।
फरवरी 2024 में हुई पीएमएमएल की पिछली वार्षिक आम बैठक, जिसकी अध्यक्षता सोसायटी के उपाध्यक्ष के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके अध्यक्ष हैं, उसमें चर्चा का एक बड़ा हिस्सा पीएमएमएल के संग्रह में नेहरू के निजी कागजातों के इर्द-गिर्द केंद्रित था, जिनमें से 51 बक्से मई 2008 में सोनिया द्वारा वापस ले लिए गए थे।
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सदस्यों के बीच एक राय थी कि सोनिया द्वारा लिए गए कागजात वापस लिए जाने चाहिए और इन अभिलेखीय संग्रहों के स्वामित्व, संरक्षकता, कॉपीराइट और उपयोग पर कानूनी राय लेने के लिए आम सहमति बनी। ये कागजात 1971 में इंदिरा गांधी द्वारा (नेहरू पत्रों के उत्तराधिकारी के रूप में) और बाद में सोनिया द्वारा संगठन को दान किए गए थे।
पीएमएमएल के रिकॉर्ड के अनुसार, 2008 में सोनिया के लिए गये कागजातों में नेहरू और जयप्रकाश नारायण, एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली, विजया लक्ष्मी पंडित और जगजीवन राम के बीच आदान-प्रदान किये गये पत्र शामिल हैं।
नई पीएमएमएल सोसायटी की पहली वार्षिक आम बैठक कुछ ही हफ्तों में होने वाली है। सूत्रों ने बताया कि पिछली एजीएम में विचार-विमर्श के बाद इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है। कार्यवाही से अवगत लोगों ने बताया कि सोनिया को भेजे गए पत्र से भविष्य की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
इस बीच, अपने आर्काइव के डिजिटलीकरण से पहले, पीएमएमएल ने सभी प्रधानमंत्रियों (पूर्व और वर्तमान) के परिवारों और कार्यालयों को पत्र लिखकर उनसे कोई भी महत्वपूर्ण पत्राचार दान करने के लिए कहा है। अब तक, पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पोते ने जवाब दिया है, जिसमें परिवार की ओर से उनके जीवन और समय से संबंधित कुछ दस्तावेज और कलाकृतियाँ दान करने की इच्छा जताई गई है। ‘मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके हक छीनने का हथियार है वक्फ बिल’, राहुल का मोदी सरकार पर हमला