Plane Crash News, IAF Jaguar Crash In Jamnagar: पायलट सिद्धार्थ यादव ने साल 2017 में भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी। आसमान में उड़ने के सपने देखने वाले सिद्धार्थ के लिए यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी। पिता खुद भारतीय वायुसेना से रिटायर हुए थे, परदादा भारतीय सेना में सेवा दे चुके थे। डिफेंस परिवार से आने वाले सिद्धार्थ के लिए भी वायुसेना की अहमियत काफी ज्यादा रही। पढ़ाई में अच्छे, दिमाग से तेज, वायुसेना में भी 8 साल के अंदर में सिद्धार्थ ने अपने परिवार का खूब नाम रोशन किया।

2 अप्रैल को भी एक स्पेशल नाइट मिशन के लिए सिद्धार्थ यादव वायुसेना के जगुआर विमान पर सवार हुए थे। उनके साथ एक दूसरा पायलट भी था। दोनों ने जामनगर एयरफील्ड से टेक ऑफ किया था, लेकिन रात करीब साढ़े 9 बजे विमान में तकनीकी खराबी आई, दोनों पायलट को इसका पता चला। अब अपनी जान की परवाह नहीं थी, लेकिन रिहायशी इलाके में विमान ना क्रैश करे, इसकी चिंता ज्यादा रही।

सिद्धार्थ यादव ने सूझ बूझ दिखाते हुए दूसरे पायलट के साथ विमान को एक खुले मैदान के पास लेकर आ गए, ये सुवर्दा गांव का ही एक इलाका था। वहां पर वायुसेना का जगुआर विमान क्रैश कर गया, दोनों ही पायलटों ने समय रहते इजेक्ट किया, एक की जान बची और सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। दूसरों की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी।

पिता सुशील कुमार जो खुद भारतीय सेना में रह चुके हैं, वे अपने बेटे इस बदलिन को बखूबी समझते है। आंखें उनकी भी नम हैं, लेकिन इस बात का अहसास भी है कि देश के लिए बेटे ने कुर्बानी दी है। सुशील कुमार कहते हैं कि सिद्धार्थ ने अपनी जिंदगी देकर दूसरों की जिंदगी बचाई है। हमे उस पर बहुत गर्व है, हमे उस पर नाज है। सुशील बताते हैं कि उनके बेटे की इस साल 23 मार्च सगाई हुई थी। शादी की शहनाई घर बजनी बाकी थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर रहा और सिद्धार्थ यादव इस दुनिया को अलविदा कह हमेशा के लिए चले गए।

पिता को यह बताते हुए काफी गर्व होता है कि उनका बेटा शुरुआत से ही होशियार, होनहार छात्र रहा था। वे कहते हैं कि उसने 2016 में नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वाइन की थी। सिद्धार्थ हमारे लिए डिफेंस में जाने वाली चौथी पीढ़ी थी। उसने फाइटर पाइलट बनने की ठानी थी।

अब पिता को अपने बेटे पर गर्व है, वायुसेना को ऐसे पायलट पर गर्व है और देश भी उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है।