Rajya Sabha News: वक्फ बिल को लेकर राज्यसभा में देर रात तक चर्चा हुई लेकिन इसके बावजूद संसद सुबह करीब चार बजे तक चली। गृहमंत्री अमित शाह सांसदों को मणिपुर को लेकर जवाब दे रहे थे। वक्फ बिल पारित होने के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को शुक्रवार को पारित किया गया। मणिपुर 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत दो महीने के अंदर राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए एक सांविधिक संकल्प केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। गृहमंत्री ने इसे वक्फ बिल पारित होने के बाद पेश किया और यह राज्यसभा में ध्वनिमत से पास हो गया।
आज की बड़ी खबरें…
राष्ट्रपति शासन को लेकर एक विपक्षी दलों ने सरकार का विरोध किया। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा को बताया कि बीरेन सिंह ने आखिर क्यों मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इस मामले में कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सरकार मणिपुर में हिंसा को कंट्रोल करने में पूरी तरह से नाकाम रही है।
दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर के दोनों समुदाय समझेंगे और बातचीत का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि मणिपुर के दो युद्धरत समुदायों की अगली बैठक जल्द ही दिल्ली में होने वाली है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की राजनीतिक चालें मणिपुर में हिंसा से पीड़ित लोगों के घावों को ठीक नहीं कर सकती है।
वक्फ बिल का समर्थन कर फंसे नीतीश? समझिए चुनावी साल में मुस्लिम नेताओं के जाने से JDU पर क्या असर होगा
अमित शाह ने कहा कि हमने सरकार गिराने के लिए राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया, जैसा कांग्रेस करती थी… 11 फरवरी को मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया और सभी ने दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही थी। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि उस सरकार के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं था। किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश नहीं किया और उस स्थिति में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे से पहले और अभी महीनों तक कोई हिंसा नहीं हुई है। बता दें कि मणिपुर में दो समुदाय के बीच पिछले लगभग दो साल से टकराव की स्थिति है, जिसको लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर रहा है।