बॉलीवुड में फिल्मों और देशभक्ति का पुराना नाता रहा है। देश और देश प्रेम पर यहां कई फिल्म भी बनीं हैं, लेकिन जब भी इस पर बात होती है, तो सबसे पहले एक नाम सामने आता है और वो है मशहूर एक्टर मनोज कुमार का। आज दिग्गज अभिनेता भले ही ये दुनिया छोड़ कर चले गए हो, लेकिन वह हमेशा अपनी फिल्मों के जरिए लोगों के दिलों में रहेंगे।
मनोज कुमार ने अपने करियर में देशभक्ति और खेती-किसानी से जुड़े मुद्दों पर बनी कई फिल्मों में काम किया था। इसके साथ ही बहुत से लोगों ने यह भी सुना होगा कि उन्हें ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाने जाते था, लेकिन अधिकतर लोगों को इसके पीछे का कारण नहीं पता होगा। चलिए बताते हैं कि क्यों उन्हें कहा जाता है भारत कुमार।
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मनोज कुमार का असली नाम हरि किशन गोस्वामी था। जब वह 12 साल के थे, तब उन्होंने एक बार दिलीप कुमार की फिल्म शबनम देखी। यहीं से तय किया कि वह भी एक्टर बनेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने लिए फिल्मी नाम भी सोच लिया था, जो मनोज कुमार था। वह इसके बाद अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आ गए।
काफी संघर्ष करने के बाद उन्होंने ‘फैशन’ नाम की फिल्म से सिनेमाई दुनिया में कदम रखा, लेकिन कुछ खास बात नहीं बनी। फिर उन्हें ‘हरियाली’ और ‘रास्ता’ मिलीं। ये दोनों ही फिल्में चल पड़ी। ऐसे में उनका लोकप्रिय होना भी लाजिमी था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘शहीद’ बनाई। काफी समय तक एक्टिंग करने के साथ-साथ उन्होंने फिर बाद में डायरेक्शन भी संभाला। उन्होंने भगत सिंह के किरदार को निभाया। फिर जब पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने फिल्म देखी, तो उन्हें वह पसंद आई और उन्होंने अभिनेता को किसानों पर फिल्म बनाने की सलाह दी।
मनोज कुमार ने इसके बाद फिल्म ‘उपकार’ की कहानी लिखी, जिसमें उन्होंने किसानों और शहीदों की कहानी को सिल्वर स्क्रीन पर दिखाया। इसमें वह एक सैनिक के साथ किसान के किरदार में नजर आए थे। इसके बाद फिल्म बनाई गई ‘पूरब और पश्चिम’, जिसमें दिखाया गया कि कैसे लोग विदेश पलायन कर रहे हैं। बस वहीं से उन्हें नाम मिला था- ‘भारत कुमार’।
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