Waqf Bill Debate: वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पारित हो गया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बार यह कानून बन जाएगा। वक्फ बिल पर लोकसभा में सबसे लंबे वक्त 15 घंटे 41 मिनट तक कार्यवाही चली। इसमें प्रश्नकाल और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर चर्चा शामिल थी। सदन ने सिर्फ वक्फ विधेयक पर ही 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक चर्चा की। राज्यसभा ने वक्फ विधेयक पर भी 12 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा की। संसद के रिकॉर्ड के मुताबिक, यह राज्यसभा की सबसे लंबी बैठक थी। इससे पहले राज्यसभा की सबसे लंबी बैठक 17 सितंबर 1981 को हुई थी। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की तरफ से इकट्ठा किए गए डेटा से पता चला है कि शायद ही कभी इतनी लंबी बैठक करती है। आइए जानते हैं कि वक्फ विधेयक से पहले कब-कब लोकसभा में इतनी लंबी बैठक हुई हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आजादी के 50 साल पूरे होने के मौके पर तीन दिवसीय मीटिंग आयोजित की गई थी। उस वक्त आईके गुजराल 13-पार्टी संयुक्त मोर्चा सरकार के अध्यक्ष थे। यह पहली बार था जब एक विशेष सत्र केवल एक प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाया गया था। इसे लोकसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थिति, आर्थिक स्थिति, बुनियादी ढांचे की स्थिति, साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उपलब्धियां और संभावनाएं पर पेश किया था।

साल 1993 में भी रेल बजट के दौरान भी काफी लंबी बैठक हुई थी। केसी लंका उस समय पीवी नरसिम्हा राव सरकार में रेल मंत्री थे। लोकसभा में कई संशोधनों पर चर्चा की वजह से यह बैठक काफी लंबी खींच गई थी। इसके वक्त की बात करें तो करीब 18 घंटे 24 मिनट तक यह बैठक हुई थी।

वक्फ ‘वक्त’ की बात, अब ‘UMEED’ है आई

जेडीयू के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में रेल मंत्री थे। इस मामले में भी बजट के कई संशोधनों और प्रावधानों पर चर्चा और बहस हुई। इसकी वजह से भी बैठक काफी लंबे वक्त तक चली। इसका वक्त करीब 18 घंटे 4 मिनट था।

2002 के दंगों के वक्त देश में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी। लोकसभा ने 2002 के दंगों के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में और खासतौर पर गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा ना कर पाने में प्रशासन की विफलता पर चिंता व्यक्त करते हुए हए प्रस्ताव पर चर्चा की। इस चर्चा की शुरुआत करते हुए सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि सदन सरकार से अल्पसंख्यक समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने और उन्हें सुरक्षा देने के लिए कदम उठाने का आग्रह करता है।

वाजपेयी ने कहा “ऐसा आरोप है कि मैं इस्लामी कट्टरवाद की आलोचना करता हूं, लेकिन हिंदू कट्टरवाद की नहीं। प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। इसके पक्ष में 182 और विपक्ष में 276 मत पड़े। लोकसभा की कार्यवाही 17 घंटे 25 मिनट तक चली थी।

1981 एसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस बिल इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली वाली सरकार में लाया गया था। इस समय भी करीब 16 घंटे 58 मिनट तक चर्चा हुई थी। एसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस एक्ट ने केंद्र सरकार को कुछ व्यवसायों में हड़तालों पर रोक लगाने की शक्ति दी। अगर केंद्र सरकार संतुष्ट है तो ऐसा करना बेहद जरूरी है। संसद में वक्फ बिल पास होते ही योगी सरकार का बड़ा फैसला