गोल्ड यानी सोना हमेशा से धन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक रहा है। दुनिया के सबसे महंगे मेटल में शुमार सोने को आर्थिक अस्थिरता के वक्त सबसे भरोसेमंद संपत्ति माना जाता है। पेपर करेंसी की वैल्यू तो महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारणों के चलते ऊपर-नीचे हो सकती है लेकिन दुनियाभर में अपनी स्वीकार्यता के चलते सोने की वैल्यू हमेशा बरकरार रहती है। फिलहाल बात करें सोना अपने ऑलटाइम हाई पर है और 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पार कर चुका है।
सोने को सदियों से धन और एक्सचेंज के मीडियम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। वित्तीय उथल-पुथल और महंगाई के दौरान सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है। भारत की बात करें तो सोना यहां ना केवल समृद्धि का प्रतीक है बल्कि स्टेटस सिंबल के तौर पर भी इसे देखा जाता है। भारत में यूं तो सोने की खान बहुत कम है और अधिकतर गोल्ड इंपोर्ट होता है। भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़े उपभोक्ता देशों में शामिल है। और हाल ही में ओडिशा में गोल्ड रिजर्व मिलने की एक खबर ने चारों तरफ चर्चा बटोरी है।
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ओडिशा की गिनती भारत के उन राज्यों में होती है जिसे खनिज और संसाधनों का पावरहाउस कहा जाता है। राज्य में हाल ही में मिले गोल्ड रिजर्व से पता चला है कि गोल्ड माइनिंग के लिए यह एक हॉटस्पॉट है। प्रदेश के कई जिलों में गोल्ड रिजर्व का पता चला है। राज्य के खनन मंत्री बिभूति जेना ने इस रिजर्व की खोज की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि राज्य में अलग-अलग जगहों पर गोल्ड डिपॉजिट की खोज की जा रही है। आने वाले समय में एक बड़ी गोल्ड माइन नीलामी का आयोजन किया जाएगा।
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बता दें कि राज्य के कई जिलों जैसे सुंदरगढ़, नबरंगपुर, क्योंझर और देवगढ़ में फिलहाल सर्च एक्टिविटी चल रही है। इसके अलावा मलकानगिरी, संबलपुर और बौध में भी कुछ एरिया हैं। मयूरभंज के कुछ एरिया जैसे जशिपुर, सीरीगुडा, रुआंसी समेत कुछ और जगहों पर रिसर्च प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
देवगढ़ जिले में सबसे जरूरी बात का पता चला है। इससे पहले यहां गोल्ड रिजर्व को अडासा-रामपल्ली नाम से पहचाना गया था। हालांकि, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने राज्य में कॉपर के लिए G-2 लेवल की रिसर्च की है। जिससे इस एरिशा में मल्टीपल खनिज संसाधनों के होने की संभावना होने की उम्मीद जगी है।
क्योंझर जिले के अलावा गोपुर-गाजीपुर, मांकड़चुआन, सलीकाना और डिमरिमुंडा इलाकों में सोने की खदान खोजने का काम चल रहा है। बता दें कि माइनिंग सेक्टर और इकोनॉमी को आगे बढ़ाने के लिए ओडिशा की राज्य सरकारी की रणनीति का यह हिस्सा है।
राज्य सरकार ने इन रिजर्व को इस्तेमाल करने और देवगढ़ में पहली बार गोल्ड माइनिंग ब्लॉक ऑक्शन में अपनी रुचि दिखाई है। राज्य के मिनरल सेक्टर के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के बूस्ट होने की उम्मीद है।