Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में बुधवार की सुबह जब भारत ने नपी-तुली कार्रवाई की तो इस पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखने वाले आर्मी के दिग्गजों ने भारत की प्रतिक्रिया में एक असाधारण संकेत की तरफ इशारा किया। इसमें मॉक ड्रिल के लिए डायरेक्शन और हमले का समय, ऑपरेशन का नाम सिंदूर और दुनिया को जानकारी देने के लिए दो महिला अधिकारियों को तैनात करना शामिल था।
बुधवार की सुबह-सुबह हमले शुरू होने से 24 घंटे पहले गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया था। इंडियन आर्मी की तरफ से हमले किए जाने के बाद सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और इंडियन एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दुनिया को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत की जवाबी कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पुणे में मौजूद रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बीटी पंडित ने कहा, ‘इस हमले से जो पहली चीज हासिल हुई है, वह यह है कि हमने तनाव बढ़ाने के बारे में गेंद पाकिस्तान के पाले में फेंक दी है। भारत द्वारा पहले और बाद में की गई कार्रवाइयों में कुछ महत्वपूर्ण संकेत थे, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि राजनीतिक नेतृत्व ने धोखे का खेल खेला। राजनीतिक नेताओं ने अपनी दिनचर्या जारी रखी और रोजाना के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके अलावा, मॉक ड्रिल और हवाई हमले की सावधानियों पर सरकार की ओर से दिए गए निर्देश धोखे का एक खास तरीका था। इसने एक ऐसी कहानी बनाई कि भारत ने अभी तैयारी शुरू की है और एक दिन के भीतर ही हमला कर दिया गया। इसलिए मुझे लगता है कि धारणा के दृष्टिकोण से भी इसे वास्तव में अच्छी तरह से संभाला गया।’
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कैसे हैं हालात?
रिटायर्ड ब्रिगेडियर अजीत आप्टे ने कहा, ‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने डिप्लोमेटिक पावर, पॉलिटिकल पॉवर और इकोनॉमिक पॉवर के सभी रास्ते अपनाए और गहन चिंतन के बाद ऑपरेशन सिंदूर की तारीख और समय तय किया। सिंदूर कोडवर्ड का चुनाव कई लेवल पर अपने आप में एक बहुत मजबूत संकेत भेजता है। इसके अलावा, आर्मी और एयर फोर्स से दो महिला अधिकारियों को मैदान में उतारना राष्ट्र, विरोधी और वैश्विक समुदाय को एक जोरदार संदेश देता है। दूसरी ओर, चूंकि हम एक तर्कहीन विरोधी से निपट रहे हैं, इसलिए हमें एक राष्ट्र के रूप में तैयार रहना होगा।’
रिटायर्ड ब्रिगेडियर हेमंत महाजन ने कहा, ‘सबसे पहले यह हमला उन संशयवादियों के लिए एक बहुत ही कड़ा संकेत है, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हमले पर संदेह किया था। इस बार पाकिस्तान ने ही दुनिया को सबूत दिया। दूसरे, ऐसे लोगों का एक समूह था, जिन्होंने इंटरनेशनल कम्युनिटी से भारत से संयम बरतने के लिए कहा था। यह हमला एक कड़ा संदेश देता है कि अगर कुछ भी हमारे राष्ट्रीय हित के खिलाफ होता है, तो हम वही करेंगे जो करने की जरूरत है और गैरजरूरी अंतरराष्ट्रीय दबावों के आगे नहीं झुकेंगे।’ पाकिस्तान पर काल बनकर टूटे 25 मिनट, इंडियन आर्मी ने जारी की ऑपरेशन सिंदूर की पूरी Timeline