Virat Kohli Diet Plan: क्रिकेट सुपरस्टार विराट कोहली ने 12 मई, 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास (Virat Kohli Test Retirement) ले लिया। विराट कोहली ने अपने संन्यास का ऐलान इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके किया। भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली न सिर्फ रिकॉर्ड्स बनाने में बल्कि फिटनेस में भी सबसे आगे हैं। विराट कोहली अपनी अविश्वसनीय फिटनेस के लिए जाने जाते हैं। जिसका मुख्य कारण नियमित व्यायाम और पौष्टिक आहार है। कोहली ने एक इंटरव्यू में खुद अपनी फिटनेस और हेल्थ का राज बताया था। चलिए आपको बताते हैं विराट कोहली हेल्दी रहने के लिए डाइट प्लान (Virat Kohli Diet) फॉलो करते हैं।

विराट कोहली क्रिकेट के मैदान पर जुझारुपन दिखाने के साथ ही विराट जिम में भी खूब पसीना बहाते हैं। फिटनेस के लिए कोहली अपनी डाइट का भी बेहद ध्यान रखते हैं। विराट ने फैंस के बीच अपना डाइट चार्ट पहले से ही शेयर किया हुआ है। 

पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने 2018 में शाकाहारी बनने का फैसला किया था। विराट कोहली ने शाकाहारी बनने का कारण बताया था कि उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण अपने आहार से मांस को हटाने का फैसला किया, जिसमें हाई एसिडिटी का लेवल भी शामिल था। उन्होंने बताया था कि मुझे सर्वाइकल स्पाइन की समस्या थी, जिसके कारण मेरी छोटी उंगली में झुनझुनी होती थी, जिससे मुझे बल्लेबाजी करने में दिक्कत होती थी। इसके अलावा मेरा पेट थोड़ा अम्लीय हो गया, मेरा यूरिक एसिड बढ़ गया और मेरे पेट ने हड्डियों से कैल्शियम खींचना शुरू कर दिया, जिसके चलते रीढ़ की समस्या हो गई। इसलिए, मुझे मांस खाना कम करना पड़ा और अब मैं पहले से बेहतर महसूस करता हूं।

विराट सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अपनी डेली डाइट को अक्सर शेयर करते रहते हैं। इंस्टाग्राम पर एक बार एक फैन से बातचीत के दौरान विराट ने बताया था कि वह एक दिन में क्या खाते हैं।

विराटा ने बताया था कि मैं बहुत सारी सब्जियां, दो कप कॉफी, क्विनोआ, ढेर सारा पालक खाता हूं, मुझे डोसा भी बहुत पसंद है, लेकिन सब कुछ कंट्रोल मात्रा में खाता हूं। आमतौर पर यह माना जाता है कि एथलीटों के लिए केवल शाकाहारी भोजन अपर्याप्त है और मांसाहारी भोजन जैसे अनाज, फल, सोया और पौधों से मिलने वाला प्रोटीन ताकत और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, शाकाहारी भोजन पर्याप्त नहीं होने के डर को दूर किया जाना चाहिए, क्योंकि पौधे आधारित फूड्स स्वाभाविक रूप से विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो स्वचालित रूप से आयरन के अवशोषण में सुधार करता है। आयरन, चाहे हीम हो या नॉन-हीम, शरीर द्वारा प्रभावी रूप से हमारे रक्त, ऑक्सीजन उत्पादन और मेटाबॉलिज्म का समर्थन करने के लिए पर्याप्त पोषण प्राप्त करने में मदद करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

शाकाहारियों की हृदय रोग के कारण मरने या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना एक तिहाई तक कम हो सकती है। ज्यादातर शाकाहारी लोग ज्यादा फाइबर, फलियां, मेवे, मौसमी सब्जियां और फल खाते हैं। इसके अलावा ज्यादातर शाकाहारी फूड्स ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने में मदद करते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल और दिल का दौरा पड़ने का जोखिम कम होता है।