अमित कामत। ठीक एक सप्ताह पहले, मैग्नस कार्लसन ने सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन शतरंजी डी गुकेश को नॉर्वे चेज के शुरुआती दौर में हार मानने पर मजबूर किया था। उसके बाद बाद डी गुकेश ने HBO के शो द वायर का हवाला देते हुए X पर एक पोस्ट की। उन्होंने लिखा, ‘जब आप किंग के पास पहुंचते हैं तो सबसे अच्छा यही है कि आप चूकें नहीं।’ रविवार देर रात (सोमवार 2 जून) को स्टावेंजर में इसी इवेंट में डी गुकेश ने ऐसा ही किया। 19 साल के डी गुकेश ने 62 चालों के बाद दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी पर अपनी पहली जीत (क्लासिकल टूर्नामेंट) हासिल की।
डी गुकेश ने पहली बार क्लासिकल चेस टूर्नामेंट में नॉर्वे के इस दिग्गज को हराया था। इससे कुछ सेकंड पहले, इतिहास के सबसे महान शतरंज खिलाड़ियों में से एक मैग्नस कार्लसन ने शतरंज बोर्ड पर इतनी तेजी से घूंसा मारा था कि बोर्ड हिल गया था और मोहरे गिर गए थे। हालांकि, कुछ मोहरे खड़े थे, जिनमें से एक डी गुकेश का ‘बादशाह’ था। गुस्से से लाल मैग्नस कार्लसन ‘हे ईश्वर!’ कहते हुए उठ खड़े हुए थे।
अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने के कारण कार्लसन ने गुकेश से दो बार माफी मांगी। फिर, जब वह अपने स्कोर शीट पर हस्ताक्षर करने के बाद हॉल से बाहर निकल रहे थे तब उन्होंने भारतीय किशोर की पीठ भी थपथपाई। यह एक ऐसा दृश्य था, जिसको बयां करने की जरूरत नहीं। मैग्नस कार्लसन का गुस्सा समझ में आता था। ऐसा लग रहा था कि वह खेल के अधिकांश समय तक जीतने वाले थे। फिर, स्टावेंजर के मौसम की तरह, पलक झपकते ही सब कुछ बदल गया।
That moment when World Champion @DGukesh won his game against World no.1 Magnus Carlsen! Video: @adityasurroy21/ ChessBase India#chess #chessbaseindia #norwaychess #gukesh pic.twitter.com/9YQhHYlia0
जैसा कि शतरंज की दिग्गज खिलाड़ी सुसान पोल्गर ने रेखांकित किया, ‘कार्लसन ने गुकेश के खिलाफ शानदार खेल दिखाया, लेकिन एक बड़ी गलती के कारण जीती बाजी हार गए! यह साल का सबसे बड़ा झटका है! कार्लसन क्लासिकल शतरंज में शायद ही कभी हारते हैं और शायद ही कभी बड़ी गलतियां करते हैं, लेकिन गुकेश ने हार नहीं मानी। वह लगातार लड़ते रहे और कार्लसन की बढ़त धीरे-धीरे खत्म होती गई। फिर जब दोनों पर समय का दबाव ता तो उन्होंने एक बड़ी गलती की जिसकी वजह से उन्हे खेल से हाथ धोना पड़ा। यह उनके शानदार करियर की सबसे दर्दनाक हार में से एक है। मुझे यकीन है कि वह खुद से बहुत नाराज होंगे।’
एक ओर मैग्नस कार्लसन गुस्से में थे वहीं गुकेश बस चकित थे। वह टेबल से उठे और कार्लसन से दूसरी तरफ चले गए। अपने मुंह को हथेलियों से ढक लिया। वह सहसा अपनी सफलता पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। कार्लसन के जाने के बाद उन्होंने बोर्ड ठीक किया। जब वह हॉल से बाहर निकले, तो भारतीय किशोर का स्वागत उनके पिता और उनके लंबे समय के कोच ग्रेजगोरज गजेव्स्की ने किया। ग्रेजगोरज ने गुकेश को जोरदार मुक्का मारा। गुकेश के साथ ऐसा शायद उन्होंने इससे पहले कभी नहीं किया था। गुकेश और ग्रेजगोरज करीब 2 साल से साथ हैं।
यह पूछने पर कि क्या वह कार्लसन की प्रतिक्रिया से हैरान थे, गुकेश ने चेस डॉट कॉम से कहा, ‘नहीं, जिस तरह से वह हारे, वह दिल तोड़ने वाला था। मैं पूरी तरह से समझता हूं। मैंने भी अपने करियर में कई बार टेबल पर हाथ मारा है। कभी कैमरे के सामने और कभी कैमरे की पहुंच से दूर। हालांकि, मैं इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा था कि उन्होंने क्या किया, मैं बस खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था।’
यह एक ऐसा ही अवसर था। नॉर्वे शतरंज में दो साल में दूसरी बार, एक भारतीय किशोर ने इस पीढ़ी और शायद इतिहास के सबसे महान शतरंज खिलाड़ियों में से एक मैग्नस कार्लसन को हराकर क्लासिकल फॉर्मेट में अपनी पहली जीत दर्ज की। पिछले साल, यह प्रज्ञानंद ने किया था। इस साल, मौजूदा विश्व चैंपियन ने यही किया।