90 के दशक में फिल्म इडंस्ट्री में एक से बढ़कर एक अभिनेत्रियां रही हैं। इसमें कई एक्ट्रेसेस ऐसी रही हैं, जिन्होंने स्क्रीन पर अपनी अलग छाप छोड़ी है। उनके यादगार किरदारों को आज भी नहीं भुलाया जा सकता है। इसी में से एक एक्ट्रेस सोनम खान भी हैं, जिनका फिल्म इंडस्ट्री में करियर तो छोटा सा रहा है। लेकिन, अपनी फिल्मों और किरदारों की वजह से आज भी पहचानी जाती हैं। इंडस्ट्री में उनकी इमेज महज 4 साल के करियर में ग्लैमरस थी। उन्हें अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘अजूबा’ और ‘त्रिदेव’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं ग्लैमरस इमेज वाली सोनम 15 साल की उम्र में छिपकर रेड लाइट एरिया जाती थीं ताकि उनको कोई पहचान ना सके? ऐसे में चलिए बताते हैं कि वो ऐसा क्यों करती थीं और उनकी क्या मजबूरी थी?
सोनम खान आज भले ही फिल्मों में नजर नहीं आती हैं। लेकिन, वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। एक्ट्रेस खुद से जुड़ी कोई ना कोई पोस्ट शेयर करती रहती हैं। ऐसे में अब उन्होंने पुराने दिनों को याद किया है। अपनी लेटेस्ट पोस्ट के जरिए उन्होंने खुलासा किया कि वो 15-16 साल की उम्र में छुपकर रेड लाइट एरिया जाया करती थीं ताकि उनको कोई पहचान ना सके। इसकी वजह थी कि वो अपनी ग्लैमरस वाली इमेज से छुटकारा पाना चाहती थीं।
सोनम ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मिट्टी और सोना मेरे दिल के सबसे करीब की फिल्म है। इसमें मैंने एक कॉलेज की लड़की और एक सेक्स वर्कर का किरदार निभाया है। यह काफी चुनौतीपूर्ण था। मुझे एक कॉलेज की छात्रा और एक लड़की के तौर-तरीके अपनाने थे, जो सेक्स वर्कर का काम भी करती है। इस फिल्म के ज़रिए मुझे एक बात साबित करनी थी। कैसे? मुझे कुछ पता नहीं था।’
मुझे आमतौर पर सेक्सी सोनम के रूप में जाना जाता था, जो बेखौफ होकर बिकिनी पहनती थी। इस फिल्म ने मुझे मेरे 4 साल से भी छोटे लेकिन घटनापूर्ण करियर में यह साबित करने का मौका दिया कि मैं अभिनय भी कर सकती हूं और सेक्सी भी दिख सकती हूं। मैं इस रोल के लिए बुर्का पहनकर रेड लाइट एरिया जाती थी। वहां की महिलाओं के हाव-भाव देखे और मेरा दिल इमोशनली भर गया। मैंने उनमें से कुछ से बात भी की थी। मुझे उन युवा लड़कियों के प्रति गहरा दुख, डर और सुरक्षा भाव को महसूस किया।
इसके साथ ही सोनम खान ने अपनी इसी पोस्ट में शूटिंग के दौरान के किस्से को भी दिया किया। उन्होंने उस घटना को याद किया जब वो पहले तो बोल्ड सीन के लिए राजी हो गई थीं लेकिन बाद में रोने लगी थीं। एक्ट्रेस उस इंटेंस सीन को याद कर बताती हैं, ‘मुझे याद है कि एक सीन करना था, जिसमें मैंने स्किन कलर की शॉर्ट, स्ट्रैपलेस ड्रेस पहनी हुई थी, जिससे ऐसा लग रहा था कि मैंने कुछ भी नहीं पहना है, क्योंकि कैमरे के लेंस और एंगल के ज़रिए सीन की यही मांग थी। पहले तो मैं ठीक थी और सीन के लिए राजी थी लेकिन फिर अचानक, मैं फूट-फूट कर रोने लगी और सीन करने से मना कर दिया।’
सोनम बताती हैं, ‘मैं उस समय बस 15-16 साल की रही होऊंगी। मैं मेकअप रूम से काफी मनाने के बाद सेट पर वापस गई थी। मैंने उस समय रेड लाइट एरिया की उन लड़कियों को याद किया, जिनको कुछ महीनों पहले देखा था। फिर मैंने हिम्मत जुटाई और वो सीन किया। फिल्म का मेरा पसंदीदा गाना ‘जिंदगी में पहली पहली बार’ है, जिसे महान दिवंगत गायिका लता मंगेशकर जी ने गाया है। मिट्टी और सोना का आखिरी गाना, जिसे आशा भोसले जी ने खूबसूरती से गाया था। इस गाने को मुझ पर बिना मेकअप के साथ फिल्माया गया है। बिना मेकअप के मौतके सीन के साथ इस फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई और यह फिल्म का क्लाइमेक्स था, जो बिना मेकअप शूट किया गया था।’
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सोनम खान अंत में लिखती हैं, ‘मुझे बहुत घुटन महसूस होने लगी थी। मैं घर गई और खूब रोई क्योंकि मुझे बहुत सारी भावनाएं व्यक्त करनी थीं। मेरी मां मुझे ऐसे देखकर डर गई थीं क्योंकि उन्होंने मुझे पहले ऐसे रोते हुए कभी नहीं देखा था। मैंने मिट्टी और सोना के लिए अपना लुक खुद ही तैयार किया था क्योंकि मैं उस समय और अब भी मैडोना की दीवानी हूं।’ एक्ट्रेस के साथ इस फिल्म में चंकी पांडे और प्राण अहम रोल में थे। एक्ट्रेस ने बताया कि शूटिंग के दौरान दोनों ने उनकी काफी मदद की थी।
इसके साथ ही सोनम खान ने इस पोस्ट के कमेंट में ये भी खुलासा किया कि वो एक ट्रेंड एक्ट्रेस नहीं हैं। क्योंकि उन्होंने जब रोशन तनेजा की एक्टिंग क्लासेस को ज्वॉइन किया और एक महीना ही जा पाई थीं तो यश चोपड़ा ने उन्हें अपनी फिल्म में साइन कर लिया था। इसकी वजह से वो एक्टिंग क्लास को अटेंड नहीं कर पाई थीं।
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