Border Security Force: केंद्र सरकार बांग्लादेश से होने वाली अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है। अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी अप्रवासियों की पहचान करने, उन्हें हिरासत में लेने के 30 दिनों के भीतर वापस बांग्लादेश भेजने का काम शुरू किया गया है। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चल रहे आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई एयर स्ट्राइक के बाद भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को वापस भेजने का काम तेज हुआ है। अब Border Security Force (BSF) भी इसे लेकर कदम उठाने जा रहा है।
BSF ने Defence Research and Development Organisation (DRDO) से सीमा पार से होने वाली अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए तकनीकी मदद मांगी है। BSF ने कहा है कि भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर पड़ने वाले सुंदरबन के 113 किलोमीटर के इलाके में ड्रोन, रडार और सैटेलाइट सहित कई सर्विलांस सिस्टम सिस्टम को तैनात करने की मांग की गई है।
BSF की ओर से यह मांग पिछले महीने नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में हुई एक अहम बैठक में किया गया। इसके अलावा BSF ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाई है।
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बताना होगा कि सुंदरबन को बेहद ही संवेदनशील इलाका माना जाता है और यहां से बड़े पैमाने पर लोग बॉर्डर पार करके भारत की सीमा में घुसपैठ करते हैं इसलिए BSF इसे लेकर अलर्ट है।
गृह मंत्रालय के एक अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि BSF ने सुंदरबन के करीब 113 किलोमीटर के इलाके को तकनीकी निगरानी में रखने का प्रस्ताव रखा है। DRDO से कहा गया है कि वह इस इलाके का दौरा करे। बताना होगा कि BSF की ओर से सुंदरबन सेक्टर के लगभग 123 किलोमीटर के इलाके में मॉनिटरिंग की जाती है। इसमें से अधिकतर इलाका बेहद मुश्किल है क्योंकि यहां पर घने मैंग्रोव के जंगल हैं।
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इस तरह का खुफिया इनपुट है कि आतंकी संगठन भारत में समुद्री सीमाओं और सुंदरबन के इलाकों से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। मौजूदा वक्त में BSF आठ फ्लोटिंग बॉर्डर आउटपोस्ट (BOPs) और 96 गश्ती जहाजों के जरिए इस इलाके की निगरानी करता है। BSF की ओर से यहां पर ऑब्जरवेशन टावर बनाने की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से भी संपर्क किया गया है।
सुंदरबन को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी है। एजेंसियों को लगता है कि अगर पूर्वी सीमा जल्द से जल्द सील नहीं किया गया तो इस वजह से अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने की सरकार की कोशिश कमजोर हो सकती है। केंद्र सरकार ने पहले ही सुंदरबन में अतिरिक्त बलों की तैनाती की है और एजेंसियों के बीच खुफिया समन्वय के काम को भी रफ्तार दी है।
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