त्रिफला एक ऐसा हर्बल मिश्रण है जिसका ज़िक्र हमेशा से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता रहा है। त्रिफला तीन हर्ब का मिश्रण है जो पिछले 1,000 वर्षों से अधिक समय से उपयोग में लाया जा रहा है। त्रिफला आंवला, बहेड़ा और हरड़ का मिश्रण है जिसका सेवन कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता रहा है। ये एक ऐसा पावरफुल हर्ब है जो अपने फायदे की वजह से तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। इसे पाउडर या सप्लीमेंट्स के रूप में सेवन किया जा सकता है। इसका सेवन करने से पेट की समस्याओं से लेकर दांतों की सड़न जैसी कई बीमारियों का उपचार किया जा सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक इस हर्ब में ऐसे गुण भी मौजूद है जो उम्र को लम्बा करते हैं।
त्रिफला तीन सूखे फलों से मिलकर बना होता है और इसे एक तरह की हर्बल दवा माना जाता है जिसमें एक से ज़्यादा जड़ी-बूटियां होती हैं। आयुर्वेद में ऐसी दवाएं बहुत आम हैं, क्योंकि माना जाता है कि जब कई जड़ी-बूटियां मिलकर एक साथ काम करती हैं, तो उनका असर और फायदे ज़्यादा बढ़ जाते हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नित्यानंदम श्री के मुताबिक त्रिफला एक ऐसी जड़ी बूटी है जो पेट से लेकर डायबिटीज तक का इलाज करती है। एक चम्मच इस हर्ब के पाउडर का सेवन करने से बॉडी में जमा सारी गंदगी बाहर निकल जाती है। ये हर्ब बॉडी में जमा टॉक्सिन को मल के जरिए बॉडी से बाहर निकालता है। इसका सेवन करने से कब्ज का इलाज होता है। रोजाना सोने से पहले इस चूर्ण को खा लें तो सुबह उठते ही पेट की सफाई हो जाती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से सेहत में कौन-कौन से बदलाव आते हैं।
त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से आंतों की गंदगी दूर होती है और पेट की सफाई होती है। त्रिफला में मौजूद हरड़ में रेचक (laxative) गुण मौजूद होते है जो मल को सॉफ्ट करते हैं और आंतों में जमा गंदगी को साफ करते हैं। इसका सेवन करने से पेट में जमा सारा मल बाहर निकल जाता है और पेट साफ हो जाता है। इसका सेवन करने से आंतों की गति में सुधार होता है। ये आंतों की मांसपेशियों को एक्टि करता है जिससे खाना जल्दी पचता है और मल के रूप में बाहर निकल जाता है। ये चूर्ण आंतों की दीवारों पर जमा टॉक्सिन को बाहर निकालता है और आंतों को नेचुरल तरीके से डिटॉक्स करता है। इसका सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।
त्रिफला पाचन अग्नि (digestive fire) को संतुलित करता है जिससे गैस, अपच और भारीपन जैसी परेशानियां दूर होती है। इसका सेवन करने से आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं। ये बॉडी में प्रीबायोटिक की तरह काम करता है जिससे पाचन तंत्र और इम्यूनिटी मजबूत होती है।
त्रिफला एक शक्तिशाली डिटॉक्सिफायर है। यह पेट, छोटी आंत और बड़ी आंत से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। यह मिश्रण कोलन (बड़ी आंत) को टोन करने का काम भी करता है, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। ये कब्ज को दूर करता है और वजन को भी कंट्रोल करता है।
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