Nirjala ekadashi 2025, Sukhi Tulsi Upay: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के व्रत रखने का विधान है। निर्जला एकादशी के दिन अन्न-जल ग्रहण करना वर्जित माना जाता है। इसलिए इसे सबसे कठोर व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखें और साथ-साथ तुलसी के पौधे की पूजा अवश्य करें। इससे मां लक्ष्मी के साथ विष्णु जी अति प्रसन्न होती है। इसके अलावा अगर आपके घर में सूखी तुलसी का पौधा या फिर लकड़ी है, तो उससे ये खास उपाय करके सुख-संपदा की प्राप्ति कर सकते हैं। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन तुलसी की सूखी लकड़ी से कौन से उपाय करना होगा शुभ…
सूखी तुलसी के पौधे से छोटी-छोटे 7 डंठल तोड़ लें। इसके बाद इन्हें एक साथ एकत्र करके सफेद सूत से बांध दें। अच्छे से बांधने के बाद इसे घी में डूबो दें। इसके बाद इसे निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सामने दीपक में रख कर जला दें। ऐसा करने से श्री हरि विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी अति प्रसन्न होंगी।
इस उपाय को आप एकादशी के अलावा किसी भी त्रयोदशी तिथि को कर सकते हैं। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
निर्जला एकादशी के दिन सूखी तुलसी की लकड़ियों को पानी से निकाल लें। इसके बाद एक सफेद रंग के कपड़े में इन्हें बांध दें। इसके बाद इसे घर के मुख्य द्वार में बांध दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और सुख-समृद्धि देती है।
निर्जला एकादशी के दिन थोड़ी सी सूखी लकड़ियां ले लें और इसका बंडल बनाकर सूत या फिर सफेद धागे से बांध दें। इसके बाद इसके माध्यम से पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर दें। ऐसा करने से घर से वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा हट जाती है।
जून माह में शुक्र, बुध, मंगल और सूर्य राशि परिवर्तन करने वाले हैं। ऐसे में वह कई शुभ और अशुभ राजयोगों का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य देखने को मिलने वाला है। जून माह में कई राशि के जातकों की किस्मत का साथ मिल सकता है, तो कुछ राशियों को संभलकर रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं जून माह में कैसा बीतेगा 12 राशियों का दिन। जानें मासिक राशिफल
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