केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 4 जून को ऐलान किया था कि साल 2027 में जाति गणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना भी कराई जाएगी। इस बीच सरकार ने कहा कि जनगणना 2021 के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं लेकिन पूरे देश में कोविड के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित कर दिया गया था।”

साल 2027 में राष्ट्रव्यापी जाति गणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना कराने की घोषणा के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था क्योंकि इसे पहले कराने से प्राथमिक शिक्षा में भारी व्यवधान आ सकता था।

बुधवार को सरकार ने कहा था कि जनगणना और जाति गणना के लिए डेटा संग्रह अगले साल की शुरुआत में शुरू होगा और 1 मार्च, 2027 तक देश की जनसंख्या का एक स्नैपशॉट पेश करेगा । पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, उस साल 1 मार्च को संदर्भ तिथि के रूप में रखा गया था। अगली दशकीय जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया।

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गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट किया, “जनगणना 2021 के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। हालाँकि, पूरे देश में कोविड के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित कर दिया गया था। कोविड ने शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों को बाधित किया। जनगणना के लिए लगभग 30 लाख गणनाकर्ताओं की आवश्यकता है और उनमें से अधिकांश प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हैं। कोविड के बाद जनगणना प्राथमिक शिक्षा को बाधित कर सकता था।” प्रवक्ता ने कहा कि जिन देशों ने महामारी के तुरंत बाद जनगणना की उन्हें जनगणना के आंकड़ों की कवरेज पर समस्याओं का सामना करना पड़ा।

केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रवक्ता ने कहा कि जनगणना प्रक्रिया अब तुरंत शुरू होगी और 1 मार्च, 2027 को संदर्भ तिथि के रूप में समाप्त होगी। पोस्ट में कहा गया है, ” जनगणना के संचालन के लिए बजट कभी भी बाधा नहीं रहा है क्योंकि सरकार द्वारा हमेशा धन का आवंटन सुनिश्चित किया जाता है।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स